22 जुलाई: अंतरिक्ष विज्ञानियों के लिए बड़ा दिन, लॉन्च किया गया था चंद्रयान-2
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22 जुलाई: अंतरिक्ष विज्ञानियों के लिए बड़ा दिन, लॉन्च किया गया था चंद्रयान-2

इसे ‘बाहुबली’ नाम के सबसे ताकतवर और विशाल राकेट जीएसएलवी-मार्क के जरिए प्रक्षेपित किया गया था. इसे देश के अंतरिक्ष इतिहास की एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा गया.

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: अंतरिक्ष की गहराइयों और चांद तारों की चाल पर नजर रखने वालों के लिए 22 जुलाई 2019 का दिन इतिहास में एक बड़ी घटना के साथ दर्ज है. दरअसल 2019 को आज ही के दिन चंद्रमा के अनछुए पहलुओं का पता लगाने के लिए चंद्रयान-2 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से शान के साथ रवाना किया गया. 

इसे ‘बाहुबली’ नाम के सबसे ताकतवर और विशाल राकेट जीएसएलवी-मार्क के जरिए प्रक्षेपित किया गया था. इसे देश के अंतरिक्ष इतिहास की एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा गया.

इस एक साल में चंद्रयान-2 से व्यापक डेटा प्राप्त हुआ है. जैसे कि ध्रुवीय क्षेत्रों में पानी-बर्फ की उपस्थिति, एक्स-रे और इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपिक आधारित खनिजों से जुड़ी कई जानकारियां चंद्रयान-2 से मिली हैं.  

चंद्रयान-2 के विज्ञान प्रयोगों से निकले प्रमुख निष्कर्षों पर एक रिपोर्ट बनाई गई जिसे मार्च में होने वाले वार्षिक चंद्र ग्रह विज्ञान सम्मेलन 2020 (Annual Lunar Planetary Science Conference in March 2020) में जारी किया जाना था. लेकिन COVID-19 के कारण इसे रद्द कर दिया गया. अब इसे अक्टूबर 2020 में रिलीज किया जाएगा. 

(इनपुट भाषा से भी)

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