New Year 2021: ट्विटर पर हिंदू नव वर्ष (Hindu New Year) और अंग्रेजी न्यू ईयर (New Year 2021) की तुलना की जा रही है. कहा जा रहा है कि पश्चिम की संस्कृति के नए साल (New Year 2021) में कुछ नया नहीं होता है बल्कि हिंदी मास चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को शुरू होने वाले हिंदू नव वर्ष (Hindu New Year) में बहुत सारी चीजें नई होती हैं.
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नई दिल्ली: अब साल 2020 खत्म होने में कुछ ही घंटे बचे हैं. दुनियाभर के लोग नए साल 2021 (New Year 2021) का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. लेकिन इस बीच ट्विटर पर न्यू ईयर (New Year) को पश्चिम की संस्कृति का नया साल बताकर विरोध शुरू हो गया है.
बता दें कि ट्विटर पर हिंदू (Hindu) नव वर्ष और अंग्रेजी न्यू ईयर (New Year 2021) की तुलना की जा रही है. कहा जा रहा है कि पश्चिम की संस्कृति के नए साल (New Year 2021) में कुछ नया नहीं होता है बल्कि हिंदी मास चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को शुरू होने वाले हिंदू नव वर्ष (Hindu New Year) में बहुत सारी चीजें नई होती हैं.
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एक ट्विटर यूजर ने ट्वीट किया कि हिंदू इस तथ्य से पूरी तरह से बेखबर हैं कि वो भौतिकवादी पश्चिमी त्योहारों को मनाकर खुद के संस्कारों की उपेक्षा कर रहे हैं और हिंदू-विरोधी बन रहे हैं.
Hindus are completely oblivious to the fact that they will have to face the demerits of neglecting their own rituals and of being anti-Hindu, for following the materialistic ‘Western days of celebration’.#MyNewYear_HinduNavVarsh@SG_HJS@Av_ADH #कैलेंडर_बदलें_संस्कृति_नहीं pic.twitter.com/hiEnjD7cFq
— Nagaraj Poojary (@Np_Hjs) December 31, 2020
वहीं एक दूसरे यूजर ने एक फोटो को ट्वीट किया. जिसमें लिखा है कि पश्चिमी संस्कृति का नया साल मध्यरात्रि में शुरू होता है जबकि हिंदू नव वर्ष सूर्योदय से प्रारंभ होता है. न्यू ईयर में वातावरण में कोई बदलाव नहीं होता है, जबकि हिंदू नव वर्ष (Hindu New Year) में वातावरण में सकारात्मक परिवर्तन होते हैं. न्यू ईयर का कोई आध्यात्मिक या वैज्ञानिक कारण नहीं है. वहीं हिंदू नव वर्ष के कई वैज्ञानिक कारण हैं.
It's time for serious awakening..Guys open your eyes and restrain from making this day so special...It is insignificant .
Embrace your own culture instead of being slave of colonial culture #कैलेंडर_बदलें_संस्कृति_नहीं #SayNoTo31December pic.twitter.com/PBu2ROd1hp— Aana (@tinbizarre) December 31, 2020
एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा कि पता नहीं कब हिंदू अंग्रेजों की मानसिक गुलामी छोड़ेंगे. 1 जनवरी को नया साल मनाना बंद करो.
When will Hindus understand that the British have to give up mental slavery, stop celebrating the New Year on January 1#कैलेंडर_बदलें_संस्कृति_नहीं@9696Hindu pic.twitter.com/FWfUrlbIoK
— Govind Ram #प्रशासक समिति (@GovindRam98) December 31, 2020
गौरतलब है कि हर साल न्यू ईयर (New Year 2021) पर हिंदू नव वर्ष और पश्चिमी संस्कृति के नए साल में अच्छा कौन है? ये चर्चा शुरू हो जाती है. लोग मुखर होकर पश्चिमी सभ्यता के न्यू ईयर (New Year 2021) का विरोध करते हैं. लोगों का कहना है कि जब हमें अंग्रेजों से 73 साल पहले आजादी मिल चुकी है तो उनका नया साल (New Year 2021) हम क्यों मनाएं?
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