एक जुलाई से चमोली जिले के निवासी बद्रीनाथ मंदिर, रूद्रप्रयाग जिले के निवासी केदारनाथ तथा उत्तरकाशी जिले के निवासी गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के दर्शन कर सकेंगे.
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देहरादून: उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने एक जुलाई से स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा शुरू करने पर शुक्रवार को अपनी मुहर लगा दी. सबसे पहले स्थानीय श्रद्धालु दर्शन करेंगे. हालात बेहतर होने के बाद अन्य जगहों के श्रद्धालुओं पर फैसला लिया जाएगा.
मंत्रिमंडल के निर्णय की जानकारी देते हुए प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि एक जुलाई से चमोली जिले के निवासी बद्रीनाथ मंदिर, रूद्रप्रयाग जिले के निवासी केदारनाथ तथा उत्तरकाशी जिले के निवासी गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के दर्शन कर सकेंगे. उन्होंने हालांकि, कहा कि मंदिरों के दर्शन के लिए प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या निश्चित की जाएगी जबकि कोविड की आरटी-पीसीआर या एंटीजन रैपिड जांच रिपोर्ट जरूरी होगीहोगी.
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा को व्यवस्थित करने और देवस्थानम बोर्ड और जिला प्रशासन से समन्वय के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी जो कोविड से संबंधित मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) को लागू करने के लिए निगरानी का कार्य भी करेगा. उन्होंने कहा कि मंदिरों में दर्शन के लिए अलग से एसओपी भी जारी की जाएगी.
यह पूछे जाने पर कि क्या चारधाम यात्रा पूरे प्रदेश के निवासियों के लिए पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार 11 जुलाई से खोली जाएगी, मंत्री ने कहा कि इसका फैसला कोविड की स्थिति को ध्यान में रखकर किया जाएगा. उनियाल ने कहा, 'अभी कोविड की तीसरी लहर और वायरस के डेल्टा प्रकार की आशंका है. इस बारे में कोई फैसला लेने से पहले सभी स्थितियों पर गौर किया जाएगा.'