छत्तीसगढ़ टेप: कांग्रेस ने रमन सिंह को बर्खास्त करने की मांग की
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छत्तीसगढ़ टेप: कांग्रेस ने रमन सिंह को बर्खास्त करने की मांग की

छत्तीसगढ़ में पिछले वर्ष हुए उपचुनाव के दौरान कांग्रेस के एक उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से हटने के बदले धन की पेशकश करने वाला टेप सामने आने के बाद कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह को बर्खास्त करने और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से घटना की जांच कराने की मांग की है। उस वक्त के मुख्य नेताओं के बीच वार्तालाप टेप पर रिकॉर्ड हो गया जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी और उनके बेटे अमित जोगी की भूमिका के भी संकेत सामने आए हैं।

नयी दिल्ली: छत्तीसगढ़ में पिछले वर्ष हुए उपचुनाव के दौरान कांग्रेस के एक उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से हटने के बदले धन की पेशकश करने वाला टेप सामने आने के बाद कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह को बर्खास्त करने और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से घटना की जांच कराने की मांग की है। उस वक्त के मुख्य नेताओं के बीच वार्तालाप टेप पर रिकॉर्ड हो गया जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी और उनके बेटे अमित जोगी की भूमिका के भी संकेत सामने आए हैं।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने अमित को कारण बताओ नोटिस जारी किया और अजित जोगी के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य इकाई की रिपोर्ट का पार्टी इंतजार कर रही है क्योंकि वह कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य हैं। कांग्रेस महासचिव बी के हरिप्रसाद ने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार के पिछले वर्ष सितम्बर में अंटागढ़ उपचुनाव से हटने का कारण कथित तौर पर धन का लालच था और इस सिलसिले में चुनाव आयोग से शिकायत की गई थी। उन्होंने कहा कि टेप से स्पष्ट पता चलता है कि पार्टी के आरोप सही थे।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि तब कांग्रेस ने आरोप लगाए थे कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस उम्मीदवार को नामांकन वापस लेने के लिए धन की पेशकश की थी। अंटागढ़ विधानसभा उपचुनाव से उम्मीदवारी वापस लेने के तुरंत बाद कांग्रेस ने पवार को पार्टी से बाहर निकाल दिया था।

उन्होंने कहा, टेप प्रथमदृष्ट्या आरोपों को साबित करते हैं। भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करने के अपने लंबे चौड़े वादों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तुरंत छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को बर्खास्त करना चाहिए या इस्तीफा देने के लिए बाध्य करना चाहिए। मामले की जांच उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए।

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