CJI दीपक मिश्रा का सुप्रीम कोर्ट में आज आखिरी दिन, ये हैं उनके ऐतिहासिक फैसले
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CJI दीपक मिश्रा का सुप्रीम कोर्ट में आज आखिरी दिन, ये हैं उनके ऐतिहासिक फैसले

2 अक्‍टूबर को रिटायर हो जाएंगे चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा.

(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली : सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा मंगलवार को रिटायर हो जाएंगे. हालांकि जस्टिस मिश्रा का सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को आखरी कार्यदिन रहेगा क्योंकि मंगलवार को गांधी जयंती के अवसर पर अवकाश रहेगा. 3 अक्टूबर यानी बुधवार को जस्टिस रंजन गोगोई चीफ जस्टिस पद की शपथ लेंगे.

चीफ जस्टिस कोर्ट में सोमवार को सीजेआई दीपक मिश्रा के साथ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस खानविलकर बेंच में मौजूद रहेंगे. नियम के मुताबिक चीफ जस्टिस के आखरी कार्यदिन भावी चीफ जस्टिस कोर्ट में बैठते हैं. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा का कार्यकाल 13 माह और छह दिनों का रहा.

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सीजेआई रहते जस्टिस दीपक मिश्रा ने दिए ये अहम फैसले

1. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत से आधार मामले में ऐतिहासिक फैसले में आधार के संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा.

2. केरल के सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के प्रवेश की इजाजत दी. 

3. एडल्ट्री यानी विवाहेत्तर संबंध को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने का अहम फैसले दिया और इससे जुड़ी आईपीसी की धारा 497 को असंवैधानिक करार दिया. 

4. अयोध्या केस में मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का अभिन्न अंग है, के बारे में 1994 के फैसले को दोबारा विचार के लिए संवैधानिक बेंच भेजने से इनकार कर दिया. 

5. पांच साल या उससे ज्यादा सजा के मामले में आरोप तय होने के बाद भी नेताओं के चुनाव लड़ने से रोक लगाने से इनकार कर दिया.

6. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि एमएलए और एमपी को देश भर की अदालतों में बतौर वकील प्रैक्टिस पर रोक लगाई जाए. 

7. एससी-एसटी से जुड़े लोगों को सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण का रास्ता साफ कर दिया. 

8. भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पांचों ऐक्टिविस्टों को राहत नहीं मिली.

9. दहेज प्रताड़ना मामले में पति और उनके परिजनों को तुरंत गिरफ्तारी से मिले सेफगार्ड को खत्म कर दिया.

जस्टिस दीपक मिश्रा से जुड़े मुख्य विवाद
सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने इसी साल 12 जनवरी को मीडिया के सामने आकर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे. जस्टिस दीपक मिश्रा पर सुप्रीम कोर्ट के रोस्टर सिस्टम को प्रभावित करने के आरोप लगा था. जस्टिस दीपक मिश्रा पर अपने वकालत के शुरुआती दिनों में एक झूठा शपथ पत्र देकर ओडिशा सरकार से भूमिहीन किसानों के लिए एक योजना के अंतर्गत जमीन हड़पने का आरोप लगा था. वरिष्ठ वकील और पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण ने दीपक मिश्रा पर आरोप लगाया था कि उनका नाम अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कलिखो पुल के सुसाइड नोट में था.

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