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मुंबई: क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने मुंबई में एक बच्चे बेचने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस गिरोह की 6 महिलाओं सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है. मुंबई पुलिस (Mumbai Police) का दावा है कि ये गैंग गोद लेने की आड़ में शिशुओं को बेचता था. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, आरोपी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाओं को निशाना बनाते थे. इन महिलाओं से संपर्क कर उनके बच्चों को 'गोद लेने' का प्रलोभन देते थे और बाद में इन बच्चों को बेच देते थे.
मुंबई पुलिस (Mumbai Police) जांच में खुालासा हुआ है कि ये गैंग बच्चियों को 60,000 रुपये में और बच्चों को 1.50 लाख रुपये में बेचते थे. अब तक पिछले छह महीनों में ये गिरोह चार बच्चों को बेच चुका है, हालांकि पुलिस को आशंका है कि यह संख्या काफी अधिक हो सकती है. इस रैकेट का खुलासा तब हुआ जब मुंबई पुलिस सब इंस्पेक्टर योगेश चव्हाण और मनीषा पवार को एक ऐसी महिला मिली जो बच्चों को बेच रही थी. इसके बाद जांच शुरू की गई और रुखसार शेख नामक एक महिला की पहचान की गई, जिसने रूपाली वर्मा के माध्यम से एक बच्ची को बेचा था. आगे की जांच में पता चला कि एक अन्य महिला शाहजहां जोगिलकर ने भी वर्मा के माध्यम से अपने बच्चे को बेचा था.
तीनों महिलाओं से पुलिस स्टेशन में पूछताछ की गई, जिस दौरान शेख ने खुलासा किया कि 2019 में वर्मा ने अपनी बच्ची को 60,000 रुपये में बेचा और हाल ही में उसके नवजात बच्चे को 1.5 लाख रुपये में बेचा गया. जोगिलकर ने बताया कि उसने धारावी में अपने नवजात बेटी को 60,000 रुपये में एक परिवार को बेचा है. पूछताछ के दौरान, वर्मा ने दो अन्य महिलाओं हिना खान और निशा अहिरे का नाम लिया, जिन्होंने एजेंट के रूप में काम किया. सबसीकुंटली, आरती सिंह, रूपाली वर्मा, रुखसार शेख, निशा अहिरे, हीना खान, गीतांजलि गायकवाड़, शाहजहां जोगिलकर और संजय पदम पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट (Human trafficking and the Juvenile Justice Act) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है, अंदेशा है कि ऐसे मामलों की संख्या और हो सकती है.
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