चीन के लेजर हथियारों से भारत और अमेरिका के सैटेलाइट्स को खतरा
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चीन के लेजर हथियारों से भारत और अमेरिका के सैटेलाइट्स को खतरा

लेजर के जरिए सैटेलाइट के सेंसर को नुकसान पहुंचाने वाले चीन के पांच लेजर बेस के बारे में जानकारी मिली है 

चीन के लेजर हथियारों से भारत और अमेरिका के सैटेलाइट्स को खतरा

नई दिल्‍ली: चीन के स्पेस प्रोग्राम पर नजर रखने वाले जानकारों का मानना है कि चीन ने दुश्मन देश के सैटेलाइट को लेजर के जरिए खत्म करने की पूरी क्षमता हासिल कर ली है जिससे भारत सहित अमेरिका के पृथ्‍वी की निचली कक्षा (लो आरबिट अर्थ) में स्थित सैटेलाइट्स को चीन के इन लेजर हथियारों से खतरा है. ट्रैकिंग (Tracking) से लेकर लेजर के जरिए सैटेलाइट के सेंसर को नुकसान पहुंचाने वाले चीन के पांच लेजर बेस के बारे में जानकारी मिली है जिनमें से एक शिनजियांग (Xinjiang) में है. शिनजियांग में स्थित चार बिल्डिंग में से एक बिल्डिंग में सैटेलाइट को ट्रैक करने वाला सिस्टम है वहीं बाकी के तीन बिल्डिंग में दुश्मन देश के सैटेलाइट के सेंसर को नुकसान पहुंचाने वाले लेजर हथियार तैनात किए गए हैं.

इसके साथ ही चीन ने कई जगहों पर सैटेलाइट लेजर रेजिंग स्टेशन भी बनाए हैं जिसके जरिये सैटेलाइट के लोकेशन से लेकर उसके मलबे की ट्रैकिंग भी की जाती है. दुनिया के कुछ ही देशों के पास ऐसे लेजर रेजिंग स्टेशन है. चीन के पास ऐसे पांच फिक्‍स्‍ड स्टेशन हैं जो शंघाई, चांगचुन, बीजिंग, वुहान और कुमिंग हैं. बाकी दो मोबाइल रेजिंग स्टेशन हैं जिन्‍हें जरूरत के हिसाब से एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाया जा सकता है.

स्पेसन्यूज वेबसाइट में प्रकाशित “ U.S. Satellites increasingly vulnerable to China’s ground based lasers” की रिपोर्ट में इस पर प्रकाश डाला गया है.

चीन लेजर हथियार के जरिए भारत सहित अमेरिका के ‘लो आरबिट अर्थ’ में स्थित सैटेलाइट के सेंसर को नुकसान पहुंचा सकता है . 2019 में प्रकाशित पेंटागन की डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (डीआईए) ने Space Threat से संबधित एक रिपोर्ट में खुलासा किया था कि चीनी सेना के पास ‘लो आरबिट अर्थ’ में स्थित सैटेलाइट्स को नष्ट करने या नुकसान पहुंचाने में सक्षम लेजर हथियार की तैनाती साल 2020 में करने की उम्मीद है.

पेंटागन की रिपोर्ट में ये भी खुलासा किया गया था कि चीन स्पेस वारफेयर को ध्यान में रखते हुए कई हथियारों को बनाने में लगा हुआ है जिसमें एंटी-सैटेलाइट (एएसएटी) मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक जैमर, साइबर हमले और छोटे उपग्रह शामिल हैं, जिन्हें बीजिंग युद्ध के दौरान अमेरिकी सैटेलाइट्स के खिलाफ इन्हें इस्तेमाल कर सकता है. डीआईए की इस रिपोर्ट में पहली बार अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने चीन के एंटी-सैटेलाइट (एएसएटी) लेजर योजनाओं का खुलासा किया था.

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