पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में भारत और चीन के बीच अब भी तनाव बना हुआ है. वार्ताओं के दौर के बावजूद चीन ने अब भी खतरनाक हथियार इलाके में तैनात कर रखे हैं, जिसे देखते हुए भारत भी सतर्क है.
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नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में कमांडर स्तर की बातचीत के 11 दौर के बावजूद चीन (China) अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है. उसने अब भी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सतह से हवा में मार करने वाली HQ 9 और HQ 22 जैसी मिसाइलें तैनात कर रखी हैं. जिसे देखते हुए भारतीय सशस्त्र सेनाओं ने भी सीमा पर अपनी निगरानी बढ़ा रखी है.
सरकारी सूत्रों के मुताबिक चीन (China) की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने पूर्वी लद्दाख में भारतीय सीमा के पास HQ 9 और HQ 22 समेत सतह से हवा में मार करने वाली कई मिसाइलों को तैनात कर रखा है. HQ-9 एक प्रकार से रूसी एयर डिफेंस मिसाइल एस-300 का रिवर्स वर्जन है. यह मिसाइल लगभग 250 किलोमीटर की दूरी से अपने लक्ष्य का पता लगाकर उस पर अटैक कर सकती है.
सूत्रों के अनुसार हाल की रिपोर्ट से पता चला है कि चीन (China) ने होटन और काशगर हवाई क्षेत्रों में लड़ाकू विमानों की संख्या कम की है. हालांकि यह संख्या लगातार कम-ज्यादा हो रही है. जिससे चीन के इरादों पर शक बना हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 29-30 अगस्त की रात को कैलाश रेंज की पहाड़ियों पर किए गए काउंटर ऑपरेशन के बाद चीन ने दबाव में आकर फिंगर एरिया खाली तो कर दिया है लेकिन उसकी सेनाएं पास में ही अब भी डटी हुई हैं. चीन के मंसूबों को देखते हुए भारतीय सैनिक भी कैलाश रेंज की पहाड़ियों के पास पूरे साजोसामान के साथ तैनात हैं और चीन की हर हरकत पर नजर रख रहे हैं.
भारत और चीन हाल में हुई 11 वें दौर की कोर कमांडर स्तर की बातचीत में भारत ने गोगरा हाइट्स, हॉट स्प्रिंग्स, डेप्सांग और डेमचॉक के पास सीएनएन जंक्शन से सैन्य वापसी की मांग की. जिस पर चीन (China) ने ना-नुकर कर अनिच्छा जाहिर की. इसके बाद भारत ने भी चीन को साफ कर दिया है कि वह भी इलाके से अपने सैनिकों को पीछे तभी हटाएगा, जब चीन ऐसा करने को राजी होगा.
चीन के नए पैंतरों को देखते हुए भारत ने अब लद्दाख के पर्वतीय इलाकों में सैनिकों की ग्रीष्मकालीन तैनाती शुरू कर दी है. पिछले साल भारत और चीन (China) के बीच हिंसक झड़प के बाद से ही LAC पर दोनों देशों की ओर से 50-50 हजार सैनिक तैनात हैं. लद्दाख के साथ भारत ने हिमाचल, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल सेक्टर में भी अपने सैन्य संसाधनों को मजबूत करना शुरू कर दिया है. जिससे चीन की किसी गुस्ताखी पर उसे तुरंत करारा जवाब दिया जा सके.
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