चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने मारे गये सैनिकों की संख्या बताने से इनकार किया है.
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नई दिल्ली: गलवान में अपने सैनिकों के मारे जाने पर चीन खामोश है. चीनी विदेश मंत्रालय ने अपने मारे गये सैनिकों की संख्या बताने से इनकार किया है. ZEE NEWS ने बताया है कि गलवान में चीन के 45-50 सैनिक मारे गये. अब बढ़ते दबाव के बीच -गलवान में हुई झड़प पर चीन की सरकारी मीडिया ने सबसे बड़ा झूठ बोला है. चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र कहे जाने वाले 'द ग्लोबल टाइम्स' ने कहा है कि 'मारे गये सैनिकों की संख्या बताने पर भारत पर बढ़ेगा दबाव बढ़ेगा.' उसका कहना है कि चीन इसलिए संख्या नहीं बता रहा क्योंकि वह मामले को बढ़ाना नहीं चाहता. ऐसा इसलिए क्योंकि चीन के मरने वाले सैनिकों की संख्या 20 से कम हुई तो भारत सरकार पर फिर से दबाव बढ़ेगा. गौरतलब है कि चीन के साथ झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे.
इस बीच भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत जारी है. चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के आग्रह पर बैठक बुलाई गई है. चीन क्षेत्र के मोल्डो में दोनों सेनाओं के बीच बातचीत चल रही है. इसके साथ ही थल सेनाध्यक्ष एम एम नरवणे जल्दी ही लद्दाख का दौरा करेंगे. सुरक्षा और तैयारियों का जायजा लेंगे.
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गलवान के बलवान
सच्चाई ये है कि भारतीय सेना के पराक्रम पर चीन की बोलती बंद है. गलवान पर चीन की खामोशी क्या कहती है? 50 सैनिकों की मौत पर चीन का 'मौन' क्यों है? ऐसा इसलिए क्योंकि भारतीय सेना ने चीन को सबक सिखाया है. गलवान के बलवान यानी भारतीय सेना पर आपको गर्व करना चाहिए:
1. भारतीय सेना ने गलवान में दुनिया की तीसरी सबसे ताकतवर सेना को सबक सिखाया.
2. भारतीय सेना ने विश्व में सबसे ज़्यादा सैनिकों वाली पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को बुरी तरह मारा.
3. भारतीय सेना ने दुनिया की दूसरी सबसे अमीर सेना की 'रीढ़ की हड्डी' तोड़ी.
4. भारतीय सेना ने भारत से चार गुना ज़्यादा रक्षा बजट वाले चीन की 'गर्दन' तोड़ी.
5. भारतीय सेना ने दुनिया को डराने वाली पीएलए को डराया. उसे बताया कि अगर सीमा लांघोगे तो गर्दन से हाथ धो बैठोगे.