भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच चीन की टैंक वाली चाल का पर्दाफाश हुआ है. सूत्रों के मुताबिक चीन, पाकिस्तान को हथियारों और नई टेक्नोलॉजी देने में जुटा है.
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नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच चीन की टैंक वाली चाल का पर्दाफाश हुआ है. सूत्रों के मुताबिक चीन, पाकिस्तान को हथियारों और नई टेक्नोलॉजी देने में जुटा है. चीन VT-4 टैंक की नई टेक्नोलॉजी पाकिस्तान को दे रहा है. करीब 350 से ज्यादा टैंकों को बेहतर करने के लिए इससे जुड़ी आधुनिक टेक्नोलॉजी चीन पाकिस्तान को देगा. चीन वीटी-4 (VT-4) टैंक की नई टेक्नोलॉजी पाकिस्तान को दे रहा है. करीब 350 से ज्यादा टैंकों को बेहतर करने के लिए इससे जुड़ी आधुनिक टेक्नोलॉजी चीन पाकिस्तान को देगा. वीटी-4 मेन बैटल टैंक है, जिसका इस्तेमाल पीएलए (PLA) करती है.
सूत्रों के मुताबिक, चीनी कंपनी, पाकिस्तान के लिए 120 अल- खालिद-1 टैंक बनाने में मदद कर रहा है. सूत्र ये भी बताते हैं कि पाक की सैन्य ताकत बढ़ाने के लिए चीन हर साल 25 टैंक अल-खालिद-1टैंक पाकिस्तान को तैयार कराने में मदद करेगा. चाइना नॉर्थ इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन पाकिस्तान की T-85 टैंक का अपग्रेडेशन करेगा, इसके लिए पाक और चीन की बड़ी सहमति हो गई है सूत्र बताते हैं कि 90 से ज्यादा तकनीकी रूप से खराब पाकिस्तान के T-85 टैंक की मरम्मत चीन करेगा.
सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने यह भी जानकारी दी है कि चीन पाकिस्तान के लिए सिर्फ टैंक अपग्रेडेशन में ही मदद नहीं कर रहा है बल्कि आर्टिलरी को भी बेहतर करने के लिए पूरा मदद कर रहा है. पाकिस्तान के टैंक और आर्टिलरी को बेहतर करके भारत के खिलाफ उकसाने की कोशिश में जुटा हुआ है. सूत्रों ने बताया है कि पाकिस्तान चीन की SH-15 ट्रैक माउंटेड गन (MSG) को खरीदने की फिराक में है.
जानकर ये कहते हैं कि चीन, पाकिस्तान को चुपचाप कम पैसों में इस तरीके की गन बेंच रहा है. इसका इस्तेमाल पाक POK में कई जगह कर सकती है. सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, पाकिस्तान 236 के करीब SH-15 हॉवित्जर खरीदना चाहता है. पिछले साल पाक सेना ने इस सिलसिले में चीन से इसके लिए 512 मिलियन डॉलर का डिफेंस डील भी किया था. इन गनो को पाक सेना की 13 आर्टिलरी रेजिमेंट में शामिल किया जाएगा. SH-15 आर्टिलरी गन को चीनी ट्रक शांक्सी के जरिये जरूरत के मुताबिक LOC के नजदीक डिप्लॉय करने की योजना बना रहा है.
सूत्रों के मुताबिक चीन, पाकिस्तान को A-100 मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर की एक खेप दे चुका है और एक बड़ी खेप 2022 तक देने की तैयारी की है. चाइना एकेडमी ऑफ लॉंच वेहिकल टेक्नोलॉजी (CALT) का बना हुआ A.100 रॉकेट लॉन्चर जिसमे 10 ट्यूब मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर होते हैं.
सूत्रों ने ये भी जानकारी दी है कि चीन की मदद से पाकिस्तान अपना साइबर विंग मजबूत कर रहा है. पाकिस्तान चीन की मदद से VOIP यानी वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल के जरिये खुफिया मॉनिटरिंग करना चाहता है. यही नहीं चीन, पाकिस्तान को साइबर वॉर फेयर के लिए उसको अलग से इन्फॉर्मेशन सेक्युरिटी लैब स्थापित करने के लिए फंडिंग करने में जुटा है.
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