पहली बार भारत ने खुलकर बताई चीन की चाल, विदेश मंत्रालय ने कही यह बात
Advertisement
trendingNow1701595

पहली बार भारत ने खुलकर बताई चीन की चाल, विदेश मंत्रालय ने कही यह बात

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास हुए घटनाक्रमों का क्रमिक ब्योरा दिया.

भारत ने चीन पर लगाया आरोप.

नई दिल्ली: भारत ने पूर्वी लद्दाख में टकराव (India China Border Dispute) के लिए बीजिंग को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि चीन मई के शुरू से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ी संख्या में सैनिक और युद्ध सामग्री जुटा रहा है तथा चीनी सैनिक सहमति वाले नियमों का उल्लघंन कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास हुए घटनाक्रमों का क्रमिक ब्योरा दिया और 15 जून को गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया.

  1. सीमा पर तनातनी के बीच भारत ने चीन पर लगाया आरोप
  2. कहा- मई से ही चीन ने बढ़ाई सीमा पर सैनिकों की संख्या
  3. सहमित वाले नियमों का भी किया उल्लघंन

उन्होंने कहा कि मई के शुरू में चीनी पक्ष ने गलवान घाटी क्षेत्र में भारत की ‘‘सामान्य, पारंपरिक’’ गश्त को बाधित करने वाली कार्रवाई की और मई के मध्य में इसने पश्चिमी सेक्टर के अन्य क्षेत्रों में यथास्थिति को बदलने की कोशिश की. श्रीवास्तव ने कहा, 'हमने चीन की कार्रवाई को लेकर कूटनीतिक और सैन्य दोनों माध्यमों से अपना विरोध दर्ज कराया था और यह स्पष्ट कर दिया था कि इस तरह का कोई भी बदलाव हमें अस्वीकार्य है.'

ये भी पढ़ें: बिहार में आकाशीय बिजली ने मचाया कोहराम, अब तक 87 लोगों की हुई मौत

उन्होंने कहा कि बाद में, छह जून को वरिष्ठ कमांडरों की बैठक हुई और तनाव कम करने तथा एलएसी से पीछे हटने पर सहमति बनी जिसमें ‘‘पारस्परिक कदम’’ उठाने की बात शामिल थी. श्रीवास्तव ने कहा कि दोनों पक्ष एलएसी का सम्मान और नियमों का पालन करने तथा यथास्थिति को बदलने वाली कोई कार्रवाई न करने पर सहमत हुए थे.

उन्होंने कहा, 'चीनी पक्ष एलएसी के संबंध में बनी इस समझ से गलवान घाटी में पीछे हट गया और उसने एलएसी के बिलकुल पास ढांचे खड़े करने की कोशिश की.'

प्रवक्ता ने कहा, 'जब यह कोशिश विफल कर दी गई तो चीनी सैनिकों ने 15 जून को हिंसक कार्रवाई की जिसका परिणााम सैनिकों के हताहत होने के रूप में निकला. इसके बाद, दोनों पक्षों की क्षेत्र में बड़ी संख्या में तैनाती है, हालांकि सैन्य एवं कूटनीतिक संपर्क जारी हैं.'

श्रीवास्तव ने कहा कि चीनी पक्ष मई के शुरू से ही एलएसी पर बड़ी संख्या में सैनिक और युद्धक सामग्री जुटा रहा है. उन्होंने कहा कि यह विभिन्न द्विपक्षीय समझौतों के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है, खासकर 1993 में सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए हुए महत्वपूर्ण समझौते के प्रावधानों के अनुरूप.

(इनपुट: एजेंसी- भाषा)

 ये भी देखें...

 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news