चीनी सेना की सबसे सीक्रेट यूनिट '61398' साइबर जासूसी के लिए जानी जाती है. सीक्रेट यूनिट ने भारत के खिलाफ अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है.
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नई दिल्ली: चीनी सेना की सबसे सीक्रेट यूनिट '61398' साइबर जासूसी के लिए जानी जाती है. सीक्रेट यूनिट ने भारत के खिलाफ अपनी गतिविधियों को तेज कर दिया है. सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में ऐसे कई मामले देखने को मिले हैं जिसमें देश की संवेदनशील जानकारियों को साइबर जासूसी के जरिये चीन जुटाने में लगा हुआ है.
केंद्रीय सुरक्षा में तैनात एक अधिकारी ने ZEE MEDIA को बताया कि पीएलए की यूनिट '6139' जिसका मुख्यालय चीन के शंघाई के पुडोंग जिले (Pudong Distt) में है, उसकी गतिविधियों में तेजी देखी जा रही है. यूनिट '6139' के जरिये चीन दुनियाभर की साइबर, स्पेस और जियोलोकेशन इंटेलीजेंस जैसी जानकारी लंबे समय से जुटाने में लगा हुआ है. भारत के खिलाफ भी ये यूनिट काफी सक्रिय देखी जा रही है जिसको लेकर हमे सावधान रहने की जरूरत है.
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सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक शंघाई के डेटोंग अवेन्यू (Datong Avenue) में यूनिट '6139' का मुख्यालय है, उसमें साइबर हैकर्स की मदद से भारत के रक्षा और रिसर्च से जुड़ी अहम जानकारियां इकट्ठी की जा रही हैं. चीन की सेना की स्पेशलाइज्ड यूनिट '6139' के बारे में कहा जाता है कि चीन ने इसका गठन दुश्मन देश के खिलाफ साइबर जासूसी के साथ-साथ लड़ाई के दौरान इसके जरिये अहम इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाना भी है. ऐसे में चीन के साथ सीमा विवाद को देखते हुए इससे सावधान रखने की जरूरत है.
साल 2014 में अमेरिका ने जासूसी के मामले में चीन के 5 मिलिट्री अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया था. सभी पांचों चीनी अधिकारी यूनिट '6139' से जुड़े हुए थे. अमेरिका की एजेंसियों का मानना है कि यूनिट '6139' की तरह चीन के कई हैकर्स के जरिये दुनियाभर की जासूसी की जा रही है. हैकिंग के लिए चीन ने ऐसी कई यूनिट बना रखी हैं. पिछले कुछ सालों में आइस बग (Ice Bug), Hidden Lynx, APT-12 से जुड़े मैलवेयर टूल्स की मदद से साइबर जासूसी की घटनाएं सामने आई हैं.
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