चीन ने अंतत: जैश ए मोहम्मद प्रमुख और पठानकोट हमले के साजिशकर्ता मसूद अजहर का नाम संयुक्त राष्ट्र के आतंकियों की सू़ची में शामिल करने के प्रस्ताव को शुक्रवार को अवरूद्ध कर दिया। इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत ने इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण आघात’करार दिया और एक ऐसा कदम बताया जो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मानदंड की प्रतिपुष्टि करता है।
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नई दिल्ली : चीन ने अंतत: जैश ए मोहम्मद प्रमुख और पठानकोट हमले के साजिशकर्ता मसूद अजहर का नाम संयुक्त राष्ट्र के आतंकियों की सू़ची में शामिल करने के प्रस्ताव को शुक्रवार को अवरूद्ध कर दिया। इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत ने इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण आघात’करार दिया और एक ऐसा कदम बताया जो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मानदंड की प्रतिपुष्टि करता है।
इसे पेश किये जाने के बाद से चीन ने भारत के प्रस्ताव को दो बार ‘तकनीकी’ आधार पर रोक दिया था।
हालांकि, भारत ने कहा कि वह दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ विभिन्न उपलब्ध विकल्पों के माध्यम से आतंकवादी हिंसा को अंजाम देने वालों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने के लिए प्रयास जारी रखेगा।
प्रस्ताव को 15 सदस्यीय प्रतिबंध समिति के अन्य सभी सदस्यों के पुरजोर समर्थन की बात कहे जाने के बीच विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘हम चिंता के साथ कहना चाहते हैं कि चीन ने मसूद अजहर को सूची में शामिल करने के प्रस्ताव को अवरूद्ध कर दिया।’मंत्रालय ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बात से अवगत है कि पाकिस्तान स्थित जैश ए मोहम्मद पठानकोट वायु सेना अड्डे पर हमला समेत भारत में अनेकों आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदारी है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने निषिद्ध किया है।’
‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मसूद अजहर को सूची में शामिल करने में अक्षमता आतंकवाद के सभी स्वरूपों से प्रभावी ढंग से निपटने के समन्वित प्रयासों पर दुर्भाग्यपूर्ण आघात है और यह आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मानदंड की प्रतिपुष्टि करता है।’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि चीन का निर्णय आश्चर्यजनक है क्योंकि चीन खुद भी आतंकवाद की बुराई से प्रभावित रहा है और उसने आतंकवाद के सभी स्वरूपों के विरोध की घोषणा की है। उन्होंने कहा, ‘इस निर्णय के परिणामसस्वरूप संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को एक बार फिर से आतंकवादी संगठन की सूची में इस नेता को शामिल करने से रोका गया। हमने उम्मीद की थी कि चीन आतंकवाद की ओर से पैदा किये गए खतरों को समझेगा और आतंकवाद की साझा चुनौती से निपटने में भारत एवं अन्य के साथ शामिल होगा।’