विदेश सचिव ने संसदीय समिति को बताया-डोकलाम को लेकर चीन का रवैया असामान्य रूप से आक्रामक
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विदेश सचिव ने संसदीय समिति को बताया-डोकलाम को लेकर चीन का रवैया असामान्य रूप से आक्रामक

विदेश सचिव एस जयशंकर ने मंगलवार को एक संसदीय समिति को बताया कि हालिया डोकलाम विवाद को लेकर चीन का रुख असामान्य रूप से आक्रामक और साफ है. समिति के कुछ सदस्यों ने यह जानकारी दी. विदेश मामलों पर समिति को जानकारी दे रहे जयशंकर ने हालांकि कहा कि भारत तनाव कम करने के लिए राजनयिक माध्यम से चीन के साथ बातचीत कर रहा है. बैठक में मौजूद करीब 20 सदस्यों में से कुछ ने इस बारे में संवाददाताओं को बताया.

विदेश सचिव ने बताया कि सीमा को लेकर भारत और चीन ने अपनी-अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है. फाइल फोटो

नई दिल्ली : विदेश सचिव एस जयशंकर ने मंगलवार को एक संसदीय समिति को बताया कि हालिया डोकलाम विवाद को लेकर चीन का रुख असामान्य रूप से आक्रामक और साफ है. समिति के कुछ सदस्यों ने यह जानकारी दी. विदेश मामलों पर समिति को जानकारी दे रहे जयशंकर ने हालांकि कहा कि भारत तनाव कम करने के लिए राजनयिक माध्यम से चीन के साथ बातचीत कर रहा है. बैठक में मौजूद करीब 20 सदस्यों में से कुछ ने इस बारे में संवाददाताओं को बताया.

सीमा को लेकर दोनों देशों ने अपनी स्थिति स्पष्ट की

विदेश सचिव ने समिति को बताया कि सीमा को लेकर भारत और चीन ने अपनी-अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है लेकिन वे उसका गलत अर्थ लगा रहे हैं, जिसे भारत स्पष्ट करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि एक एंग्लो-चीनी समझौते के अनुसार वर्ष 1895 से अब तक भारत के रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया है.

समिति के समक्ष जयशंकर ने ‘टकराव’ शब्द का इस्तेमाल किया

एक सदस्य ने बताया, ‘जयशंकर ने हम लोगों को बताया कि हालिया टकराव को लेकर चीन की आक्रामकता और वाकपटुता असामान्य है लेकिन स्थिति इतनी भी जटिल नहीं है, जैसा कि एक धड़े द्वारा पेश किया जा रहा है. हम उनसे राजनयिक तरीके से बात करना जारी रखेंगे.’ एक अन्य सदस्य ने बताया कि विदेश सचिव ने ‘युद्ध जैसी स्थिति या विवाद’ जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं किया बल्कि डोकलाम की हालिया स्थिति के वर्णन के लिए उन्होंने ‘टकराव’ शब्द का इस्तेमाल किया.

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दोनों सदस्यों ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर यह जानकारी दी क्योंकि यह बैठक गोपनीय थी. गौरतलब है कि भारतीय सेना ने चीन की सेना को इलाके में सड़क बनाने से रोक दिया, जिसके बाद करीब एक माह से दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिली है.

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