सरकारी चीनी नक्शे से कश्मीर और अरुणाचल हुआ गायब
Advertisement
trendingNow1257470

सरकारी चीनी नक्शे से कश्मीर और अरुणाचल हुआ गायब

चीन के सरकारी स्वामित्व वाले चैनल सीसीटीवी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा की खबरें दिखाये जाते समय भारत के नक्शे में जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं दिखाया गया।

नई दिल्‍ली : चीन के सरकारी स्वामित्व वाले चैनल सीसीटीवी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा की खबरें दिखाये जाते समय भारत के नक्शे में जम्मू-कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं दिखाया गया।

एक समाचार बुलेटिन के दौरान यह गलत नक्शा दिखाया गया जिस दौरान मोदी शियान शहर में थे जहां उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की। चीन अरुणाचल प्रदेश पर और जम्मू-कश्मीर के हिस्सों पर दावा करता रहा है लेकिन भारत इसका पुरजोर विरोध करता रहा है।

दोनों बड़े एशियाई देशों के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चला आ रहा है और दोनों देश विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता के माध्यम से इसके समाधान का प्रयास कर रहे हैं। विशेष प्रतिनिधि अब तक 18 दौर की बात कर चुके हैं। चीन का कहना है कि सीमा मुद्दा केवल 2000 किलोमीटर तक सीमित है जिसमें अधिकतर हिस्सा अरुणाचल प्रदेश में है, वहीं भारत कहता है कि विवाद करीब 4000 किलोमीटर सीमा को लेकर है।

भारत के नक्शे को गलत तरह से दिखाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से सवाल किया है कि क्या वह इस मुद्दे को चीनी नेतृत्व के साथ सख्ती से उठाएंगे।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘सरकारी चीनी मीडिया जो नक्शे दिखा रहा है, उसमें अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को चीन के क्षेत्र के तौर पर दिखाया गया है और पूरे जम्मू-कश्मीर को भारत की सीमा से बाहर दर्शाया गया है।’ सुरजेवाला ने कहा, ‘क्या प्रधानमंत्री इस मुद्दे को चीन के नेताओं के साथ पुरजोर तरीके से और पहली प्राथमिकता के रूप में उठाएंगे।’

उन्होंने कहा कि कई महत्वपूर्ण बातें हैं जिन पर प्रधानमंत्री को प्राथमिकता के साथ ध्यान देने की जरूरत है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यूपीए सरकार ने 2013 में चीनी सैनिकों की घुसपैठ रोकने के लिए 64,478 करोड़ रुपये की लागत से 90,000 जवानों की माउंटेन स्ट्राइक कोर (एमएससी) के गठन की घोषणा की थी।

सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री को संदेश देते हुए यह भी कहा कि चीन पहले ही पाक अधिकृत कश्मीर समेत पाकिस्तान में 46 अरब डॉलर से ज्यादा के निवेश की प्रतिबद्धता जता चुका है। इन निवेश के क्षेत्रों में ट्रेनें, राजमार्ग, सैन्य उपकरण और बंदरगाह हैं। उन्होंने कहा, ‘क्या यह क्षेत्र पर भारत के संप्रभु दावे के साथ हस्तक्षेप नहीं है।’

Trending news