Sitapur: दूल्हा बना 'आम' और 'इमली' दुल्हनिया, इस अनोखी शादी के लिए छपे वेडिंग कार्ड
Advertisement

Sitapur: दूल्हा बना 'आम' और 'इमली' दुल्हनिया, इस अनोखी शादी के लिए छपे वेडिंग कार्ड

अनोखी शादी को शानदार ढंग से सजाए गए 'मंडप' में धूमधाम से पूरा किया गया और मेहमानों को पूरी, सब्जी, रायता और दही-वड़ा समेत शानदार दावत दी गई. शादी के कार्ड पर लिखा गया कि चिरंजीव रसाल (आम) और आयुष्मति (इमली) का विवाह कराया जाएगा. 

आम और इमली की शादी में आए 400 मेहमान

सीतापुर: आमतौर पर एक लड़का और लड़की शादी के पवित्र रिश्ते में बंधकर जीवनभर साथ निभाने की कसम लेते हैं लेकिन उत्तर प्रदेश के सीतापुर से शादी का एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां फलों के राजा आम से इमली की शादी की गई और इसके लिए बकायदा कार्ड छपवाकर लोगों को न्योता भी दिया गया था.

  1. यूपी के सीतापुर में हुई अनोखी शादी
  2. फलों के राजा आम और इमली का विवाह
  3. इलाके की नदी को बचाने की मुहिम

शादी के लिए छपे कार्ड

कार्ड पर लिखा गया कि चिरंजीव रसाल (आम) और आयुष्मति (इमली) का विवाह कराया जाएगा. यह शादी रविवार को अनंत चतुर्दशी के शुभ मुहूर्त पर आयोजित की गई थी. 

शादी के लिए छपे कार्ड में दूल्हे को 'फलों का राजा' और दुल्हन को 'चुलबुली पुत्री' बताया गया है. मुस्तफाबाद में कथिना नदी को पुनर्जीवित करने के इरादे से रविवार को अनोखी शादी संपन्न कराई गई है. बारात में करीब 400 मेहमान बैलगाड़ियों पर सवार होकर समारोह में शामिल होने आए और 50 नवविवाहित जोड़े भी इस शादी में शामिल हुए.

fallback

मेहमानों को मिली शानदार दावत

शादी को शानदार ढंग से सजाए गए 'मंडप' में धूमधाम से पूरा किया गया और मेहमानों को पूरी, सब्जी, रायता और दही-वड़ा समेत शानदार दावत दी गई. कार्यक्रम स्थल पर इमली का पौधा भी लगाया गया है.

ये भी पढ़ें: जिंदा बच्‍चे को ममी की तरह लपेटना पड़ता है हर रोज, दिल दहलाने वाली है वजह

यही नहीं इस अनोखी शादी में मनोरंजन के लिए भी पूरे इंतजाम किए गए थे. अंत में इमली को विदा कर बाग में रोपा गया और उसे गिफ्ट में खुरपा, खाद के अलावा स्प्रेयर मशीन भी दी गई है. 

अनोखी शादी का ये मकसद

मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अक्षत वर्मा ने कहा कि स्थानीय लोग पिछले कई दिनों से शादी की योजना बना रहे थे. वर्मा ने कहा कि उनका मानना है कि इस आयोजन से कथिना नदी के पुनरुद्धार में मदद मिलेगी. स्थानीय लोग अब नदी के किनारे फलों के पेड़ लगाने की योजना बना रहे हैं, जिसके बारे में उनका मानना है कि इससे नदी फिर से जीवित हो जाएगी.

Trending news