कर्नाटक के Udupi में क्रिश्चियन कारोबारी ने बनवाया Ganesh Temple, निर्माण पर खर्च किए 2 करोड़ रुपये
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कर्नाटक के Udupi में क्रिश्चियन कारोबारी ने बनवाया Ganesh Temple, निर्माण पर खर्च किए 2 करोड़ रुपये

कर्नाटक के उडुपी (Udupi) में मुंबई (Mumbai) के एक क्रिश्चियन बिजनेसमैन ने अपनी पुश्‍तैनी जगह पर भगवान गणेश के मंदिर (Lord Ganesha Temple) का निर्माण कराया है. इस बिजनेसमेन का मानना है कि उसकी सफलता में भगवान सिद्धिविनायक का हाथ है. 

क्रिश्चियन कारोबारी द्वारा बनवाए गए मंदिर की गणेश प्रतिमा.

उडुपी: व्‍यक्ति की आस्‍था-विश्‍वास और भावनाएं जाति-धर्म नहीं मानती हैं. इसकी एक शानदार मिसाल मुंबई (Mumbai) के रहने वाले 77 वर्षीय ईसाई बिजनेसमेन (Christian Businessman) ने पेश की है. इस कारोबारी ने कर्नाटक (Karnataka) के उडुपी (Udupi) जिले में अपने गृहनगर शिरवा में भगवान गणेश का एक मंदिर (Lord Ganesha Temple) बनवाया है. इतना ही नहीं उसने इस मंदिर के निर्माण में 2 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. इस मंदिर से सटा हुआ एक घर भी पुजारी के लिए बनाया गया है.  

  1. क्रिश्चियन कारोबारी ने बनवाया गणेश मंदिर 
  2. मंदिर निर्माण के लिए खर्च किए 2 करोड़ रुपये 
  3. उडुपी में अपनी पुश्‍तैनी जगह पर बनवाया मंदिर 

भगवान गणेश ने दिलाई सफलता 

गैब्रियल फैबियन नाजरेथ नाम के इस व्यक्ति का मानना है कि उसने अपनी जिंदगी में जो भी सफलताएं पाईं हैं, उसके पीछे कारण भगवान सिद्धिविनायक का आशीर्वाद है. वह कहते हैं कि मैंने अपने माता-पिता की याद में अपनी पुश्तैनी जमीन पर यह मंदिर बनवाया है. हमारी सहयोगी वेबसाइट इंडिया डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक गैब्रियल 10वीं तक पढ़ाई करने के बाद मुंबई चले गए थे. वहां उन्‍होंने ब्‍लॉक और मोल्‍ड बनाने वाली एक फैक्‍टरी लगाई और खूब कामयाबी पाई. 

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जिस जगह पर रहते थे, वहीं बनाया मंदिर 

गैब्रिएल ने बताया, 'मुंबई जाने से पहले हम उसी जगह पर रहते थे, जहां पर अब गणपति का मंदिर बनाया गया है. यह मेरे माता-पिता की जगह है.' गैब्रियल को उडुपी में अम्मानी रमन्ना शेट्टी मेमोरियल हॉल में एक गणपति गुड़ी (मंदिर) पसंद आया था और वे वैसा ही मंदिर बनाना चाहते थे. 

मंदिर में 36 इंच की गणेश प्रतिमा स्थापित की गई है और मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए सभी सुविधाएं भी हैं. इसके अलावा मंदिर के पुजारी के लिए भी इसी मंदिर से सटा हुआ एक घर भी बनाया गया है. इस मंदिर का निर्माण काफी समय पहले ही हो गया था लेकिन कोविड महामारी के कारण मंदिर में भगवान की प्राण-प्रतिष्‍ठा में देरी हुई. 

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