कोझिकोड विमान हादसे के बाद बचाव अभियान में 'देवदूत' बने CISF जवान
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कोझिकोड विमान हादसे के बाद बचाव अभियान में 'देवदूत' बने CISF जवान

हादसा होते ही सबसे पहले सीआईएसएफ के जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर विमान में फंसे लोगों को बाहर निकालने का काम शुरू किया.

कोझिकोड विमान हादसे के बाद बचाव अभियान में 'देवदूत' बने CISF जवान

नई दिल्ली : शुक्रवार 7 अगस्त की शाम साढ़े 7 बजे दुबई से केरल (Kerala) के कालीकट इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Calicut International Airport) पहुंचे एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान (IX-1344) की क्रैश लैंडिग के वक्त विमान में कुल 191 लोग सवार थे. हादसा होते ही सबसे पहले सीआईएसएफ के जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर विमान में फंसे लोगों को बाहर निकालने का काम शुरू किया. सीआईएसएफ (CISF) की ओर से जारी बयान के मुताबिक एयरपोर्ट के गेट नंबर 8 के करीब स्थित रनवे पर हुए हादसे के दौरान एएसआई (ASI) मंगल सिंह वहां तैनात थे, उस दौरान असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर अजीत सिंह वहां पेट्रोलिंग कर रहे थे. वो दुर्घटना स्थल के सबसे करीब थे जिन्होंने अपने विवेक से सभी अहम सूचनाएं एटीसी समेत AAI की फायर विंग , CISF के वरिष्ठ अधिकारियों , जिले के जिम्मेदार अधिकारियों और एजेंसियों को दीं. 

  1. विमान हादसे में CISF के अभियान की तारीफ
  2. सबसे पहले इस टीम ने शुरू किया बचाव कार्य 
  3. फंसे लोगों को बाहर निकाला, अस्पताल पहुंचाया
  4.  

बचाव अभियान की कहानी
खबर मिलते ही सीआईएसएफ (CISF)के करीब 40 जवान, डिप्टी कमांडेंट किशोर कुमार की अगुवाई में दुर्घटनास्थल पहुंचे और भयानक बारिश के बीच फंसे लोगों को बचाने का काम शुरू किया. उसके बाद एयरपोर्ट कर्मियों और स्थानीय पुलिस और अन्य एजेंसियों की टीम बचाव अभियान में शामिल हुई.रात करीब 10 बजे  राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन विभाग ( NDRF) की टीम मौके पर पहुंची जिसने उन दो मुसाफिरों को बाहर निकाला जो फ्लाइट की टूटी सीट में फंसे थे. मूसलाधार बारिश के बावजूद खबर मिलने के बाद ऑफ ड्यूटी सीआईएसएफ जवानों भी फौरन अपने साथियों का हाथ बंटाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल हुए. बचाव अभियान में CISF, दमकल विभाग, जिला प्रशासन , पुलिस की टीम के अलावा NDRF भी शामिल थी.

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सभी ने मिल कर विमान में फंसे लोगों को बाहर निकालने के साथ अस्पताल पहुंचाने में मदद की. जरूरतमंद लोगों को प्राथमिक चिकित्सा मुहैया कराई गई. वहीं जिला स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक हादसे में अब तक 18 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है.

CISF जवानों की जांबाजी
केंद्रीय सुरक्षा बल की टीम ने न सिर्फ मुसाफिरों को बाहर निकाला, बल्कि उनके लिए एंबुलेंस का भी इंतजाम किया और कम जख्मी लोगों को अन्य गाड़ियों की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया. अन्य एजेंसियों के वहां पहुंचने के पहले ही CISF के जवान ज्यादातर मुसाफिरों को बाहर निकाल चुके थे और लगातार 2 घंटे तक चली उनकी मैराथन कोशिशों की वजह से बाकी मुसाफिरों को भी मदद पहुंची. इस बीच सीआईएसएफ के डीजी (DG) राजेश रंजन ने मुश्किल में फंसे लोगों की जान बचाने में कामयाब रहे अपने अधिकारियों और जवानों की मुहिम की तारीफ करते हुए उनकी हौसला बढ़ाया. उन्होने बाकायदा पूरी टीम के लिए इनाम का ऐलान भी किया. 

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