सिंघु बॉर्डर पहुंचे CM केजरीवाल ने देश को लेकर दिया बड़ा बयान, बोले-'भारत दो हिस्सों में बंटा...'
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सिंघु बॉर्डर पहुंचे CM केजरीवाल ने देश को लेकर दिया बड़ा बयान, बोले-'भारत दो हिस्सों में बंटा...'

दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल का ये दूसरा दौरा था. यहां वे कीर्तन पाठ में हिस्सा लेने के लिए शामिल हुए थे. लेकिन इसके बाद उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए देश के दो हिस्से होने वाला बड़ा बयान दिया. इस दौरान केजरीवाल ने केंद्र से अपील करते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने की अपील की. 

सिंघु बॉर्डर पर भाषण देते हुए दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल।

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को दूसरी बार सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पहुंचे. यहां उन्होंने गुरू गोविंद सिंह के चार बेटों और माता गुजरी की शहादत पर आयोजित कीर्तन दरबार में हिस्सा लिया. इस दौरान केजरीवाल ने पूरे दिल से उनकी शहादत को नमन करते कहा कि शायद भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के मानव जाति के इतिहास में इस किस्म की शहादत की दूसरी मिसाल देखने को नहीं मिलती है.

'पूरा भारत दो हिस्सों में बट चुका है'

इस दौरान केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कहा कि केंद्र सरकार के तीनों काले कानूनों के खिलाफ किसानों की लड़ाई (Farmers Protest) अब आर-पार की हो चुकी है. किसान अपनी खेती बचाने के लिए कड़ाके की ठंड में बैठे हैं. भाजपा का एक भी मंत्री और नेता नहीं है, जो इन कानूनों के फायदे बता सके. सीएम ने कहा कि भाजपा किसानों से जमीन छीन कर अपने पूंजीपति दोस्तों को देने के लिए ये काले कानून लाई है. आज पूरा भारत दो हिस्सों में बंटा हुआ है. एक वो लोग हैं, जो करोड़ों किसानों को नुकसान पहुंचा कर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं और दूसरे वे लोग हैं, जो इन करोड़ों किसानों के साथ खड़े हैं. 

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सीएम केजरीवाल ने BJP को दी चुनौती

सीएम केजरीवाल ने भाजपा (BJP) की केंद्र सरकार को चुनौती देता कहा कि तीनों कृषि बिलों पर खुली बहस करा ले, ताकि बिल की सच्चाई पूरे देश के सामने आ जाए. पता नहीं किस-किस तरह की बातें की जा रही हैं. यह सभी सरकारों का एक तरह से हथियार होता है. मुझे याद है कि जब अन्ना आंदोलन में हम लोग बैठा करते थे, तो हमें भी बदनाम किया जाता था. आज किसानों को आतंकवादी, राष्ट्रद्रोही कहा जा रहा है. किसान आतंकवादी, राष्ट्रद्रोही हो गए, तो तुम्हार पेट कौन भरेगा? उसके बाद तुमको रोटी कौन देगा? केंद्र सरकार से अपील है कि किसानों की बातें सुन कर तीनों कानूनों को वापस ले और इस संघर्ष को यहीं खत्म कर दे. 

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