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नई दिल्ली: आपको गणतंत्र दिवस की सबसे शक्तिशाली तस्वीरें दिखाते हैं. ये तस्वीरें परेड के दौरान हुए फ्लाईपास्ट (Flypast) की हैं, जिसमें कुल 75 लड़ाकू विमानों ने आसमान में अलग-अलग आकृतियां बनाईं और दुनिया का परिचय भारत की वायु शक्ति से कराया. Flypast में 75 Aircrafts इसलिए थे, क्योंकि इसी साल भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे कर रहा है. इनमें 17 Jaguar फाइटर जेट्स (Fighter Jets) ने आसमान में अमृत फॉर्मेशन बनाया. यानी आसमान में 75 की एक आकृति बनाई, जो आजादी के बाद भारत की सम्पूर्ण यात्रा को दर्शाती हैं.
अमृत Formation के अलावा एकलव्य, त्रिशूल, तिरंगा, विजय, वरुण, बाज और तंगेल जैसी आधुनिक और ऐतिहासिक आकृतियां भी इस Flypast के दौरान आसमान में बनाई गई, जो भारत के भूतकाल, वर्तमान और भविष्य के नए युग की सम्पूर्ण कहानी बताती हैं. अब तक इस तरह के Flypast केवल जमीन से देखे जाते थे. लेकिन इस साल पहली बार लड़ाकू विमानों के Cockpit से देश ने भव्य और शानदार तस्वीरें देखीं. Cockpit का मतलब उस जगह से है, जहां पायलट बैठता है. कुल 160 वायु सैनिकों ने 59 कैमरों के जरिए इस Flypast को ऐतिहासिक बनाया.
आपमें से ज्यादातर लोग, अपने जीवन में किसी फाइटर जेट के Cockpit में नहीं बैठे होंगे. लेकिन कल्पना कीजिए अगर आपको इन लड़ाकू विमानों में बैठ कर गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने का अवसर मिले तो क्या होगा. राजपथ के आसमान पर ये गौरवशाली पल देश के वायुवीरों के पराक्रम को धरती से लेकर आसमान तक दिखा रहे हैं. गणतंत्र दिवस पर जब वायुसेना के फाइटरों की गगनभेदी गर्जना आसमान को चीर रही थी, तो राजपथ पर मौजूद गणमान्यों के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पूरी तरह देख पा रहे थे कि सरहद ही नहीं वायुवीरों के हाथों आसमान में भी देश सुरक्षित है.
इस बार खास बात ये थी कि भारतीय वायुसेना के फ्लाईपास्ट का वीडियो कॉकपिट से बनाया गया. ऐसा नजारा गणतंत्र दिवस की परेड में पहली बार दिखा. प्रधानमंत्री मोदी तब तक आसमान की ऊंचाई को निहारते रहे जब तक वायुवीर एक एक-कर अपनी ताकत का अहसास पूरी दुनिया को दिखाते रहे. आकाश में रफाल से लेकर जगुआर अपनी ताकत की गर्जना करते रहे और पीएम मोदी राजपथ पर सांसे थामे आसमान में भारतीय वायुसेना की ताकत को हर पल देखते दिखे.
देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, ऐसे में आसमान में 75 फाइटरों ने मिलकर अपनी ओर से अमृत फोर्मेशन बना देश की आजादी को भी अपना सैल्यूट दिया. अमृत फॉर्मेशन में 17 जगुआर शामिल रहे. दुश्मनों का दुश्मन राफेल भी आसमान में एरोहेड फॉर्मेशन बना रहे थे और दुश्मनों के विनाश करने की ताकत का साहसिक प्रदर्शन करते दिखे. बाज सी नजर रखने वाले रफाल, दो जगुआर, दो मिग-29 यूपीजी, दो सुखोई-30 एमआई विमान समेत, 7 फाइटर एयरक्राफ्ट आसमान से बाज की पैनी नजर कैसी होती है उसका दमदार प्रदर्शन करते दिखे. त्रिशूल फॉर्मेशन की शक्ति देख पीएम मोदी समेत लोग भी तब दंग रह गए जब त्रिशूल आसमान को भेदते हुए गायब हो गया. यानी सभी फाइटर आसमना को चीर कर आगे निकल गए.
फाइटर Jets का मेघना फॉर्मेशन आसमान में ताकत, अनुशासन, सटीकता का परिचय देता दिखा. मेघना फॉर्मेशन को CH-47 चिनूक लीड करता दिखा. 'नभः स्पृशं दीप्तम्' यानी आसमान की ऊंचाइयों को शान से छूना, इसी लक्ष्य को लिए वायुसेना के वायुवीर अपने पराक्रम से रोंगटे खड़े कर देने वाला फ्लाइ पास्ट करते रहे और पीएम मोदी समेत पूरा देश राजपथ पर इनके साहस और पराक्रम का साक्षी बना.
Flypast की परंपरा उतनी ही पुरानी है, जितना पुराना गणतंत्र दिवस समारोह है. 26 जनवरी 1950 को जब पहली बार इस समारोह का आयोजन हुआ था, उस समय कुल 23 Aircrafts ने आसमान में उड़ान भरी थी और IAF की आकृति बनाई थी. जिसका अर्थ होता है Indian Air Force.