नोटबंदी के फैसले से कांग्रेस नेतृत्व हताश है: PM मोदी
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नोटबंदी के फैसले से कांग्रेस नेतृत्व हताश है: PM मोदी

नोटबंदी के ‘सख्त’ फैसले के मद्देनजर कांग्रेस नेतृत्व पर हताश होने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विपक्ष ने संसद को बाधित करके पहली बार बेईमान लोगों को ‘खुले’ तौर पर बचाने के लिए समन्वित प्रयास किया।

नोटबंदी के फैसले से कांग्रेस नेतृत्व हताश है: PM मोदी

नई दिल्ली : नोटबंदी के ‘सख्त’ फैसले के मद्देनजर कांग्रेस नेतृत्व पर हताश होने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि विपक्ष ने संसद को बाधित करके पहली बार बेईमान लोगों को ‘खुले’ तौर पर बचाने के लिए समन्वित प्रयास किया।

नोटबंदी को बडा कुप्रबंधन और संगठित लूट बताने वाले मनमोहन सिंह की आलोचना करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनके पूर्ववर्ती (मनमोहन सिंह) संभवत: अपने नेतृत्व के दौरान हुए 2जी स्पेक्ट्रम, सीडब्ल्यूजी और कोल ब्लॉक आवंटन जैसे घोटालों का जिक्र कर रहे थे। मोदी ने कहा कि ईमानदार लोग परेशान नहीं होंगे लेकिन कालाधन रखने वालों को छिपाने के लिए कुछ ही दिन है और उसके बाद वे बच नहीं पायेंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘मुझे हमारे कुछ प्रतिद्वन्द्वियों पर दया आती है विशेष तौर पर कांग्रेस नेतृत्व पर जो इस तरह की हताशा प्रदर्शित कर रहे हैं। कांग्रेस नेतृत्व पूरी तरह से केवल एक चीज से ग्रस्त हो गया है और वह चुनाव है। नोटबंदी के फैसले में कुछ भी राजनीतिक नहीं है। यह कड़ा फैसला था जो अर्थव्यवस्था और हमारे समाज की सफाई के लिए था। अगर मैं अल्पकालिक राजनीतिक फायदे की सोचता तो मैं यह कभी नहीं करता।’

नोटबंदी के मुद्दे पर संसद के शीतकालीन सत्र के हंगामे की भेंट चढ़ने के संबंध में प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने संसद को चलाने का पूरा प्रयास किया। उन्होंने कहा, ‘मैं संसद के दोनों सदनों में बोलने को उत्सुक था। लेकिन फिर भी ठीक से चर्चा करने की बजाए कांग्रेस ने सदनों की कार्यवाही को पटरी से उतारने का समन्वित प्रयास किया । संसद में विरोध करने की बात समझ में आती है लेकिन पहली बार है जब बेईमानों को बचाने के लिए इसका उपयोग किया गया और वह भी इतने खुले तौर पर।’ 

नोटबंदी पर मनमोहन सिंह के प्रहार के बारे में एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा, ‘यह दिलचस्प है कि यादगार कुप्रबंधन जैसे शब्द एक ऐसे नेता के थे जो भारत के आर्थिक सफर के केंद्र में 45 साल तक रहा। संगठित लूट का उनका उल्लेख संभवत: उनके नेतृत्व में घोटालों की श्रृंखलाओं के संदर्भ में था जो कोयला घोटाला, 2जी स्पेक्ट्रम, राष्ट्रमंडल खेल घोटालों तक है। दूसरी ओर नोटबंदी भ्रष्ट लोगों की लूट को जब्त करने का अभूतपूर्व कदम है।’

यह पूछे जाने पर कि क्या नोटबंदी से राजनीतिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार खत्म हो जायेगा, प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके लिये निर्णायक रास्तों की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘राजनीतिक व्यवस्था में सुधार की जरूरत है।’ मोदी ने कहा कि शीतकालीन सत्र से पहले उन्होंने सुझाव दिया था कि संसद में राजनीतिक प्रणाली में सुधार और चुनाव सुधार के बारे में चर्चा होनी चाहिए लेकिन सदन की कार्यवाही बाधित होने के कारण ऐसा नहीं हो सका।

नोटबंदी को राजनीति निर्णय बताने की आलोचनाओं को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अल्पकालिक फायदे के लिए नहीं लिया गया बल्कि दीर्घकालिक ढांचागत सुधारों के लिए था। उन्होंने कहा, ‘पहले आयकर विभाग अंधेरे में तीर चलाता था। लेकिन अब लोग स्वत: सामने आ रहे हैं और पैसा जमा कर रहे हैं। अब आयकर विभाग के पास विशिष्ट सूचनाएं हैं।’ भ्रष्टाचार के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की सरकार की नीति पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि बेईमान लोगो को दंडित किया जायेगा और उनसे एकत्र किये गए कर को कल्याण कार्यों में लगाया जायेगा।

उन्होंने कहा कि नोटबंदी का दीर्घकाल में अर्थव्यवस्था की सफाई पर बहुस्तरीय प्रभाव पड़ेगा। मोदी ने कहा, ‘अब कालाधन का पता लग रहा है। यह अब छिपा हुआ नहीं रह सकता। बेईमान लोगों के पास छिपाने के लिए अब केवल कुछ ही दिन बचे हैं। सरकार के पास समय, साधन और सबसे महत्वपूर्ण इच्छाशक्ति है, उन्हें बाहर निकालने के लिए।’

8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद लगातार बदलाव करने के जुड़े एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लोगों को नीति और रणनीति में फर्क समझना चाहिए और उन्हें एक ही बास्केट में नहीं रखना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी का निर्णय हमारी नीति को प्रदर्शित करता है और यह पूरी तरह से सुस्पष्ट, अटल है। हमारी रणनीति को हालांकि नीति से अलग होने की जरूरत है और यह एक कहावत से स्पष्ट होती है कि तू डाल डाल, मैं पात पात। हमें अपने दुश्मन से दो कदम आगे रहना चाहिए।’ 

मोदी ने कहा कि समस्यों को पहचान लिया गया है। हम तत्परता से प्रतिक्रिया दे रहे हैं और जरूरी कदम उठा रहे हैं। इसे खराब तरीके से लागू करने के संकेत की बजाए यह तीव्रता से प्रतिक्रिया देने की हमारी चुस्ती को प्रदर्शित करता है जो सामने आ रही स्थितियों को देखते हुए हैं। उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि अगर हम एक दिशानिर्देश जारी करते और उन्हें उसी रास्ते पर चलने देते, तब कई लोग इसे पसंद करते। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि ऐसी कोई बात नहीं होगी।

कालाबाजारियों और भ्रष्ट लोगों को गंभीर चेतावनी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर दुश्मन भागेगा तब हम उसका पीछा करेंगे । अगर वे अपना तरीका बदलेंगे, तो हम भी अपना तरीका बदलेंगे। जब भ्रष्ट लोग धोखाधड़ी का नया रास्ता तलाशेंगे, तो निश्चित तौर पर हम नये तरीकों से उनपर लगाम लगायेंगे।

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