गणतंत्र दिवस का न्योता ट्रंप की ओर से अस्वीकार किया जाना ‘कूटनीतिक चूक’ : कांग्रेस
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गणतंत्र दिवस का न्योता ट्रंप की ओर से अस्वीकार किया जाना ‘कूटनीतिक चूक’ : कांग्रेस

कांग्रेस ने देश की विदेश नीति को लेकर भी पीएम पर हमला बोला. कांग्रेस ने कहा कि भारत सरकार ने जब भी अपने प्रधानमंत्री के जरिए किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को न्योता भेजा है, उसे कभी अस्वीकार नहीं किया गया है. 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए भारत का न्योता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अस्वीकार किये जाने को मंगलवार को एक ‘‘कूटनीतिक चूक’’ और देश के लिए एक ‘किरकिरी की बात’ करार दिया. व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी व्यस्तताओं की वजह से अगले साल भारत की गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि के रूप में भाग नहीं ले पाएंगे.

कांग्रेस ने देश की विदेश नीति को लेकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि भारत सरकार ने जब भी अपने प्रधानमंत्री के जरिये किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को न्योता भेजा है, उसे कभी अस्वीकार नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार यह ध्यान रखती है कि न्योता तभी भेजा जाए जब कूटनीति के रास्ते उसे स्वीकार करने का भरोसा प्राप्त हो जाए.

सरकार ने विकल्प तलाश रही है
गणतंत्र दिवस परेड समारोह में शामिल होने के भारत के न्यौते को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अस्वीकार करने के बाद माना जा रहा है कि सरकार मुख्य अतिथि के लिए अन्य विकल्प तलाशने का काम कर रही है.  सूत्रों का कहना है कि सरकार के जेहन में तीन देशों के नेताओं का नाम है जिनमें एक प्रमुख अफ्रीकी राष्ट्र के राष्ट्र प्रमुख का नाम भी शामिल है. इस संबंध में जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया, 'मुख्य अतिथि के नाम पर फैसला लेने के लिए हमारे पास बहुत कम समय बचा है और यह प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर ली जाएगी.' 

डोनाल्ड ट्रंप ने जरूरी कामों का हवाला देते हुए परेड में मुख्य अतिथि बनने का भारत को न्योता अस्वीकार कर दिया था. इन जरूरी कामों में स्टेट ऑफ द यूनियन एड्रेस (एसओटीयू) भी शामिल है जो उसी वक्त तय है जब भारत अपना गणतंत्र दिवस मना रहा होगा. 

सूत्रों ने संकेत दिया कि भारत ने गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाए जाने के लिए दो-तीन राष्ट्र प्रमुखों के नाम पहले से ही छांट लिए हैं. सूत्रों ने यह भी संकेत दिया कि भारत सिर्फ ट्रंप की ही मौजूदगी के बारे में नहीं सोच रहा था और अन्य विकल्प भी तलाशे जा रहे थे. जुलाई में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप को भारत दौरे का निमंत्रण प्राप्त हुआ है लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.

(इनपुट - भाषा)

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