कांग्रेस ने मंगलवार को राफेल डील पर शाम 4 बजे बड़ा खुलासा करने की बात कही.
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नई दिल्ली : कांग्रेस ने मंगलवार को केंद्र की मोदी सरकार को राफेल लड़ाकू विमान डील के मामले में फिर घेरा. कांग्रेस नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी सरकार पर देश की सुरक्षा के साथ समझौता करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस मंगलवार शाम 4 बजे इस पर बड़ा खुलासा करेगी.
Recently, Law Minister claimed that in new agreement, aircraft is 9% cheaper than UPA deal.
FM told it is 20% cheaper. Officer of IAF told it is 40% cheaper. Why did they not buy more than 126 if it was cheaper?: AK Antony, Congress pic.twitter.com/LrtEivqOKL— ANI (@ANI) September 18, 2018
राफेल डील पर एके एंटनी ने बीजेपी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार राफेल डील पर लगातार कहती आ रही है कि उसने राफेल सौदा कम दामों पर किया है. अगर यह बात सही है तो फिर उसने सिर्फ 36 राफेल विमान ही क्यों खरीदे. एंटनी ने आगे कहा कि वायुसेना ने वर्ष 2000 में 126 विमानों की जरूरत बताई थी, अन्य देशों की तरफ से खतरा अब और बढ़ गया है. मौजूदा स्थिति के अनुसार वायुसेना को जल्द से जल्द 126 से ज्यादा लड़ाकू विमानों की आवश्यकता है.
सुप्रीम कोर्ट 10 अक्टूबर को होगी सुनवाई
राफेल डील मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई टल गई है. जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच में याचिकाकर्ता ने खराब सेहत का हवाला देकर सुनवाई टालने की मांग की, जिसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 10 अक्टूबर के लिए टाल दी.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर राफेल डील में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इसे रद्द करने की मांग की है.
कांग्रेस ने किया विरोध
आपको बता दें कि इससे पहले कांग्रेस ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा था कि पार्टी नहीं समझती है कि ये मसला उठाने के लिए सुप्रीम कोर्ट उचित फोरम है और पार्टी का न तो तहसीन पूनावाला से कोई संबंध और न ही उनकी याचिका से. कांग्रेस ने कहा था कि मीडिया में ऐसी भ्रम की स्थिति रहती है कि तहसीन पूनावाला कांग्रेस का प्रतिनिधित्व कर रही है ऐसे में हम यहां साफ करना चाहते हैं कि राफेल डील के खिलाफ तहसीन पूनावाला की याचिका और उनसे पार्टी का कोई संबंध नहीं है.
सरकार पर लगाए थे आरोप
आपको बता दें कि फ्रांस से राफेल डील मामले में लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीधे प्रधानमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए थे. डील की गोपनीयता संबंधी शर्त पर फ्रांस की पुष्टि के बाद खुद पीएम ने राहुल पर पलटवार किया. इसके बाद बीजेपी के चार सांसदों ने राहुल के खिलाफ इस मामले में सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था.
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस ने इस मामले में अपने रुख में नरमी नहीं लाने का संकेत देते हुए कहा है कि सौदे की गोपनीयता का इस सौदे के तहत खरीदे जाने वाले विमान की कीमत को छिपाना शामिल नहीं था.