परिवार का कहना है कि जब उनका बेटा साल 2017 में जब वो 10वीं की पढाई कर रहा था. उस समय वो अपने दोस्त के साथ निज़ामुद्दीन के मरकज में गया था.
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नई दिल्ली: धर्मातरण गैंग ने कैसे मूक बधिर लड़के का ब्रेन वाश उसके अंदर अपने परिवार और धर्म के खिलाफ जहर बोया, इसकी बानगी मिलती है दिल्ली के इस मामले से. जहां मन्नू यादव नाम के मूक बधिर युवक को अब्दुल मन्नान बना दिया गया. अब उसके माता पिता की एक ही ख्वाहिश है कि उनका बच्चा वापस घर जाए और फिर से मन्नू यादव बन जाए.
यूपी एटीएस के खुलासे के बाद ज़ी न्यूज से बात कर इस परिवार ने अपनी आपबीती बताई है. परिवार का कहना है कि जब उनका बेटा साल 2017 में जब वो 10वीं की पढाई कर रहा था. उस समयवो अपने दोस्त के साथ निज़ामुद्दीन के मरकज में गया था. जब परिवार को इस बात की जानकारी मिली, तो परिवार ने उसे ऐसी जगहों पर जाने से मना किया. जिसके बाद वो मान गया था.
साल 2020 में मन्नू अपने दोस्त गगन शकील और वसीम खान के साथ जरिए धर्मान्तरण गैंग के संपर्क में आया. इस बार तो शकील ने मन्नू को सफेद कुर्ता टोपी लगा कर फोटो भी खींची और उसके परिवार को भेज दिया. शुरुआत में मन्नू इनके साथ चुपचाप जाता था. घर से पूजा पाठ और माथे पर टीका लगाकर वो निकलता था, ताकी किसी को भनक तक नही लगे. फिर इस साल के फरवरी महीने में परिवार को पता चला कि मन्नू ने धर्म परिवर्तन कर लिया है. मन्नू का धर्मांतरण सर्टिफिकेट भी परिवार के हाथ लगा,जिसमें वो मन्नू यादव से अब्दुल मन्नान बन चुका था.
परिवार ने बताया कि धर्मांतरण के उसकी हरकतें बदल गई. वो घर मे नमाज भी पढ़ने लगा. मुस्लिमों की तरह कपडे भी पहनने लगा. परिवार ने विरोध किया तो उसने खाना पीना छोड़ दिया. यही नहीं, उसने हाथ का नश काटने की धमकी देनी शुरू कर दी. वो पूरे परिवार से नफरत भी करने लग गया.
परिवार का कहना है इसके साथ कई लड़कों का भी धर्म परिवर्तन किया गया. अच्छी नौकरी, विदेश भेजने और प्लाट देने का झांसा दिया गया है. लेकिन कोर्ट में जो शपथ पत्र दिए गए हैं, उसमें बताया गया कि मन्नू ने बिना किसी दबाव के अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया है. जबकि परिवार का दावा बिलकुल उलट है. परिवार का आरोप है कि इस टीम में कई सदस्य है. जो कमजोर, गरीब और मूक बधिर बच्चों को टारगेट कर धर्म परिवर्तन करते है. काफी बड़ा नेटवर्क है. परिवार ने कहा कि उन्होंने यूपी एटीएस को जानकारी दे दी है. परिवार ने बेटे की जान को खतरा बताया है. उनकी एक ही ख्वाहिश है कि उनका बेटा घर आ जाए और वापस हिंदू बन जाए.