हवा से फैल रहा Omicron? बचने के लिए अपनाएं ये 3 सूत्रीय उपाय!
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हवा से फैल रहा Omicron? बचने के लिए अपनाएं ये 3 सूत्रीय उपाय!

ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि वहां पर Omicron का Community Transmission शुरू हो चुका है. वहीं Hong Kong में हुई एक शुरुआती जांच में ये पता लगा है कि Omicron हवा में और Delta के मुकाबले ज्यादा देर तक रहता है.

हवा से फैल रहा Omicron? बचने के लिए अपनाएं ये 3 सूत्रीय उपाय!

पॉडकास्ट सुनें-

  1. हॉन्ग कॉन्ग से आई डराने वाली खबर
  2. हवा से फैल रहा ओमिक्रॉन वेरिएंट
  3. मास्क लगाना न छोड़ें

नई दिल्ली: ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि वहां पर Omicron का Community Transmission शुरू हो चुका है. वहीं Hong Kong में हुई एक शुरुआती जांच में ये पता लगा है कि Omicron हवा में और Delta के मुकाबले ज्यादा देर तक रहता है. यह हवा से भी फैल सकता है. 

भारत की बात करें तो मंगलवार को Omicron का कोई नया मामला नहीं आया है और अब भी पूरे देश में इस वेरिएंट के केवल 23 मामले ही हैं. इसलिए आपको डरने की नहीं बल्कि सावधान रहने की ज़रूरत है.

हॉन्ग कॉन्ग से आई डराने वाली खबर

हालांकि आज Hong Kong से एक ऐसी ख़बर आई, जिसने पूरी दुनिया को चिंता में डाल दिया है. Hong Kong की स्वास्थ्य एजेंसियों ने बताया कि कोरोना का नया वेरिएंट हवा के जरिए तेज़ी से फैल रहा है, जिसकी वजह से वहां संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. नवम्बर महीने में Hong Kong में दूसरे देशों से आए दो यात्रियों को एक Hotel में तय नियमों के तहत Quarantine में रखा गया था.

जब इन दोनों यात्रियों के Samples की Genome Sequencing हुई तो ये पता चला कि उनमें से एक व्यक्ति कोरोना के नए वेरिएंट से संक्रमित है. हालांकि उस व्यक्ति में वायरस के कोई लक्षण नहीं थे, इसलिए इसे Quarantine में ही रखा गया और वहीं इसका इलाज किया गया. कुछ दिनों के बाद जब फिर से इन दोनों यात्रियों का टेस्ट हुआ तो पता चला कि दूसरा यात्री भी Omicron से संक्रमित हो गया है. हैरानी की बात ये है कि Hotel में कभी इनके बीच सम्पर्क नहीं हुआ था. इनके कमरे के दरवाज़े केवल खाना और दवाई लाने के समय ही खुलते थे. डॉक्टरों का मानना है कि इसी दौरान ये वायरस हवा के जरिए एक कमरे से दूसरे कमरे में पहुंच गया.

हवा से फैल रहा ओमिक्रॉन वेरिएंट

जब कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है या वो फिर ज़ोर से चिल्लाकर बोलता है या गाने गा रहा होता है तो इस दौरान उसके मुंह और नाक से कई Droplets हवा में घुल जाते हैं. अगर ये व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है तो फिर इन Droplets में वायरस मौजूद हो सकता है. यानी इस तरह से वायरस हवा में आता है. फिर जब कोई दूसरा व्यक्ति उस हवा में सांस लेता है तो ये उसे संक्रमित कर देता है. वैज्ञानिकों को आशंका है कि Omicron काफी देर तक हवा में रह सकता है और Delta वेरिएंट की तुलना में काफ़ी लंबी दूरी तक हवा के जरिए ट्रैवल भी कर सकता है.

शुरुआत में जब कोरोना वायरस आया था, तब सोशल डिस्टेंसिंग यानी दो गज की दूरी का नियम इसलिए बनाया गया था क्योंकि वैज्ञानिकों का मानना था कि अगर कोई व्यक्ति संक्रमित मरीज से दो गज की दूरी पर खड़ा होता है तो वो इससे संक्रमित नहीं होगा. मरीज के Droplets हवा में तो जाएंगे लेकिन वो उस व्यक्ति तक पहुंचते पहुंचते प्रभावी नहीं रहेंगे. अब ये स्टडी कह रही है कि अगर किसी एक कमरे में पांच लोग मौजूद हैं या 10 लोग मौजूद हैं और सभी एक दूसरे से दो गज की दूरी पर खड़े हुए हैं और उनमें से एक व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है तो सभी लोगों पर ये वायरस हमला कर देगा.

अब कई लोगों के मन में ये सवाल होगा कि वो हवा में फैलने वाले इस वैरिएंट से कैसे बचें क्योंकि ये संक्रमण तो घर के अन्दर भी हो सकता है. यानी अगर कोई व्यक्ति वायरस से बचने के लिए घर में रहता है तो ख़तरा उसे भी है. इसलिए अब हम आपको इससे बचाव के कुछ तरीक़े बताते हैं.

मास्क लगाना न छोड़ें

पहला उपाय तो यही है कि आप मास्क लगाना ना छोड़ें. कोशिश करें कि घर में जब तीन चार लोग साथ में बैठे हों तो मास्क लगा कर रखें. डॉक्टरों की सलाह तो ये भी है कि आप Double Mask यानी दो मास्क भी लगा सकते हैं. Delta वैरिएंट के समय भी डॉक्टरों ने यही राय दी थी.

हवा से वायरस फैलने का मतलब ये नहीं है कि हवा संक्रमित है. इसका मतलब है कि वायरस हवा में बना रह सकता है और इमारतों के अंदर तो ये और भी खतरा पैदा कर सकता है. ऐसे में इसके लिए ज़रूरी है वेंटिलेशन. यानी दूसरा उपाय है, घर के खिड़की और दरवाज़े खुले रखें. ऐसा करके आप इस ख़तरे को कम कर सकते हैं.

Omicron से जुड़े तीन जरूरी अपडेट भी आपके लिए हैं. पहला ये कि ऐसे लोग भी इस वेरिएंट से आसानी से संक्रमित हो रहे हैं, जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवा ली थीं या जो दोनों डोज़ के बाद Booster Dose भी लगवा चुके थे. इजराइल में Omicron के अब तक जितने भी मामले मिले हैं, उनमें 50 प्रतिशत से ज़्यादा मरीज ऐसे हैं, जो वैक्सीन की Booster डोज़ लगवा चुके थे. इसलिए Vaccines के Efficacy Rate पर सवाल उठ रहा है.

दक्षिण अफ्रीका में फैल रहा ओमिक्रॉन

दूसरा ये कि ये अब लगभग स्पष्ट हो गया है कि Omicron, Delta वेरिएंट की तुलना में ज़्यादा संक्रामक है. इसे आप दक्षिण अफ्रीका के एक उदाहरण से समझ सकते हैं. वहां 6 नवम्बर तक कोरोना के प्रतिदिन औसतन 200 मामले आ रहे थे. अब वहां प्रति दिन लगभग 10 हज़ार मामले दर्ज हो रहे हैं. हालांकि भारत में स्थिति थोड़ी अलग है. भारत में पिछले 24 घंटे में नए वैरिएंट का एक भी केस नहीं मिला है. डॉक्टर इसके लिए Genome Sequencing को बड़ी वजह मान रहे हैं.

WHO के मुताबिक़ कम से कम 5 प्रतिशत मामलों की Genome Sequencing होनी चाहिए. हमारे देश में अब भी एक प्रतिशत मामलों की ही ये जांच हो पा रही है. इस वेरिएंट को लेकर सबसे बड़ी चुनौती ये है कि RT-PCR टेस्ट ये बताने में सक्षम नहीं है कि मरीज़ Omicron वेरिएंट से संक्रमित हुआ है या किसी पुराने वेरिएंट से संक्रमित हुआ है. इसका पता केवल Samples की Genome Sequencing से ही लगाया जा सकता है. ये प्रक्रिया जटिल और लम्बी होने की वजह से भारत में Omicron के मामले धीरे धीरे बढ़ रहे हैं. लेकिन असली संख्या ज्यादा हो सकती है.

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ब्रिटेन में एक दिन में 50 प्रतिशत बढ़े मामले

तीसरी अपडेट ये है कि कई देशों में ये संक्रमण Community Transmission की स्टेज में पहुंच गया है. यानी इन देशों में ऐसे लोग भी इस नए वेरिएंट से संक्रमित हो रहे हैं, जिनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. ब्रिटेन के Health Secretary Sajid Javid ने भी इस बात को स्वीकार किया और कहा है कि Omicron की वजह से वहां पिछले एक दिन में कोरोना के 50 प्रतिशत मामले बढ़ गए हैं.

भारत के लिए अच्छी ख़बर ये है कि 558 दिन बाद 6 दिसम्बर को देश में कोरोना के सबसे कम 6 हजार 822 मामले दर्ज हुए. जबकि 554 दिनों के बाद देशभर में सक्रिय मरीजों की संख्या एक लाख से भी कम दर्ज की गई. ये संख्या अब 95 हज़ार पहुंच चुकी है. 

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