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नई दिल्ली: कोरोना महामारी ने न सिर्फ आम आदमी बल्कि राज्य और केंद्र सरकारों का भी बजट बिगाड़ दिया है. ऐसे में केंद्र सरकार ने मंत्रालयों को अपने खर्चे सीमित रखने की सलाह दी है. केंद्र सरकार ने बुधवार को विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से कहा कि दूसरी तिमाही के दौरान वह अपने खर्चे, कुल बजट आवंटन के 20 प्रतिशत तक ही सीमित रखें. कोरोना वायरस महामारी के बीच सरकार ने खर्चों को सीमित रखने के लिए किए जा रहे उपायों के तहत यह कदम उठाया है.
हालांकि, स्वास्थ्य, कृषि, उर्वरक, औषधि और खाद्य विभाग और मंत्रालयों को इस कटौती से अलग रखा गया है. इसके अलावा आवास और शहरी मामले, पेयजल, रेलवे, सड़क परिवहन, एमएसएमई और ग्रामीण विकास मंत्रालयों को भी 20 प्रतिशत खर्च प्रतिबंध के दायरे से छूट दी गई है.
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वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग द्वारा जारी ऑफिस मेमोरेंडम में यह कहा गया है. इसके मुताबिक अन्य सभी मंत्रालयों और विभागों को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर 2021) के दौरान अपने ग्रॉस एक्सपेंडिचर को 2021- 22 के बजट अनुमान के 20 प्रतिशत के भीतर रखना होगा.
ज्ञापन में स्पष्ट किया गया है कि खर्च में यह कटौती पेंशन भुगतान, ब्याज भुगतान और राज्यों को धन के हसतांतरण जैसे मामलों में भी लागू नहीं होगी. यह निर्देश एक्सपेंडिचर सेक्रेटरी की मंजूरी पर जारी किए गए हैं. एक्सपेंडिटर सेक्रेटरी फाइनेंस सेक्रेटरी भी हैं.
मेमोरेंडम में कहा गया है, ‘कोविड- 19 के मद्देनजर बदलती परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और सरकार की संभावित नकदी की स्थिति को देखते हुए यह जरूरी समझा गया कि कुछ मंत्रालयों और विभागों की मासिक, तिमाही खर्च को दूसरी तिमाही के दौरान नियमन के दायरे में लाया जाए.’