'तबलीगी जमात' से फैल रहा है कोरोना वायरस! चीन के बाद पाकिस्तान बना Corona का केंद्र!
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'तबलीगी जमात' से फैल रहा है कोरोना वायरस! चीन के बाद पाकिस्तान बना Corona का केंद्र!

दरअसल यह सवाल तब उठा जब पिछले हफ्ते गाजा में कोरोना वायरस के दो पाजिटिव मामले सामने आने से हड़कंप मच गया.

(प्रतीकात्मक तस्वीर )

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के फैलने के पीछे क्या एक बड़ा कारण तबलीगी जमात (tablighi jamaat) के होने वाले जलसे हैं. दरअसल यह सवाल तब उठा जब पिछले हफ्ते गाजा में कोरोना वायरस के दो पाजिटिव मामले सामने आने से हड़कंप मच गया. जब गाजा के अधिकारियों ने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि दोनों व्यक्ति पाकिस्तान (Pakistan) से वापस लौटे हैं जो वहां तबलीगी जमात के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. 

  1. कोरोना वायरस लगातार बड़े जलसे कर रही है
    कोरोना वायरस के जलसों में बड़ी संख्या में लोग आते हैं 
    इन जलसों में शामिल लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं

इस महीने मार्च महीने में लाहौर के रायविंड इलाके में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में लाखों लोगों ने हिस्सा लिया था जिसमें करीब 80 देशों के मुस्लिम मौलाना भी शामिल हुए थे. 

चिंता की बात ये है कि ऐसे वक्त में जब पुरी दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन और लोगों को एक साथ इकट्ठे होने पर रोक लगा रही है वहीं आए दिन तबलीगी जमात कार्यक्रमों ने कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को दोगुना कर दिया है. जानकारों का मानना है कि चीन और ईरान के बाद अब कोराना के फैलने का खतरा तबलीगी जमात और इनमें शामिल हुए मौलानाओं से है.

गाजा पट्टी में कोरोना वायरस के मामलें की पुष्टि करते हुए फिलस्तीन के डिप्लोमेट डाया हडिड ने कहा कि ‘’दो फिलस्तीनी लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं जो मार्च के महीने में लाहौर में हुए एक कांफ्रेंस शामिल हुए थे, इसमें हजारों और लाखों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया था .‘’

चिंता की बात यह भी है  कि तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल मौलाना वापस लौट दूसरे देशों में कोरोना वायरस का संक्रमण कर रहे हैं, इनमें से कुछ एक देश से दूसरे देश लागतार आते जाते हैं. 

भारत में सामने आया एक मामला
इसी तरह का एक मामला भारत में भी सामने आया है जहां पिछले हफ्ते तमिलनाडु के सलेम जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण के आधार पर इंडोनेशिया से आये 11 मौलाना को जिला अस्पताल में भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है. 

तबलीगी जमात से जुड़े सभी इंडोनेशियाई मौलानाओं ने पिछले कुछ दिनों में तमिलनाडु के 4 मस्जिदों का दौरा भी किया था जहां काफी भीड़ थी. सलेम के जिला प्रशासन ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिये हैं . तबलीगी जमात से जुड़े मौलाना आये दिन बंग्लादेश,नेपाल,श्री लंका और अफगानिस्तान जैसे देशों में आते जाते रहते हैं जिनसे पूरी दुनिया में कोरोना के संक्रमण फैलने का खतरा बन गया है.

तबलीगी जमात मौलाना और इस्लाम के जानकारों का एक ऐसा संगठन है जिसमें कट्टर इस्लाम की शिक्षा दी जाती है . लाहौर में हुए तबलीगी जमात  के कार्यक्रम में शामिल हुए कई लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं . 

ऐसे ही सिंध के रहने वाले चार लोगों को पाकिस्तान के अस्पताल में भर्ती कराया गया है जो तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे. इसी तरह किर्गीस्तान देश के पांच मौलाना में भी कोराना पाजिटिव पाया गया है जिन्हें इस्लामाबाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

इस मामले की पुष्टि करते हुए इस्लामाबाद के डिप्टी कमीश्नर मुहम्मद शफाकत ने ट्वीटर पर लिखा कि, ‘’सभी किर्गिस्तानी लोगों ने बड़ी लापरवाही की है क्योंकि इन सभी लोगों को ये मालूम था कि उनमें कोरोना के लक्षण हैं और इसके बावजूद वो पूरे शहर में घूमते रहे. जो एक क्रिमिनल एक्ट है.‘’

देखा जाए तो तबलीगी जमात ने पाकिस्तान की तरह ही इस साल फरवरी महीने में मलेशिया के कुआलालंपुर में कांफ्रेस की थी जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए थे . मलेशिया मीडिया के मुताबिक कांफ्रेस की वजह से मलेशिया में कोरोना वायरस बेहद तेजी से फैला. इसमें उपस्थित हुए मौलानाओं ने थाईलैंड, ब्रूनई और दूसरे दक्षिण एशिया के देशों में कोरोना वायरस को फैला दिया.

मस्जिदें बंद नहीं करा पा रही पाकिस्तानी सरकार
पाकिस्तान से कोराना वायरस फैलने का खतरा इस वजह से भी बेहद ज्यादा है कि पाकिस्तान सरकार कट्टरपंथियों के दवाब के चलते मस्जिदों को बंद नहीं करा पा रही है. हर  शुक्रवार को जुमे की होने वाली नमाज के दौरान पाकिस्तान की लाखों मस्जिदों में भारी भीड़ होती है और ऐसे में तेज़ी से फैल रहे  कोरोना वायरस को रोक पाना पाकिस्तान के लिए नामुमकिन हो सकता है. 

पिछले शुक्रवार को इस्लामाबाद के फैसल मस्जिद में भी लाखों लोगों ने एक साथ नमाज पढ़ी. पाकिस्तान के कट्टरपंथी लगातार लोगों से मस्जिदों में आकर नमाज़ पढ़ने को कह रहे हैं और लाउडस्पीकर से बाकायदा  लोगों को बताया जा रहा है ये कि पाकिस्तान की मस्जिदें नमाज के लिए खुली रहेंगी. देखा जाए तो ईरान और सउदी अरब जैसे देशों ने सभी को घर पर ही नमाज पढ़ने की सलाह दी है और सभी मस्जिदों पर ताला लगा दिया है जिससे कोराना वायरस से निपटा जा सके लेकिन पाकिस्तान में ठीक इसके उलट है.

ईरान से लौटे पाकिस्तानियों से खतरा
पाकिस्तान और दक्षिण एशिया के देशों के सामने जहां एक तरफ तबलीगी जमात के हुए कार्यक्रम से कोरोना का खतरा है वहीं ईरान से लौटे पाकिस्तानी भी अपने देश में कोराना के खतरे मे इजाफा कर रहे हैं. 

एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में शुक्रवार तक कोरोना के जो 892 मामले सामने आये हैं उनमें 78 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जो ईरान से वापस लौटे हैं. ईरान से आये कोरोना वायरस के मरीज़ पाकिस्तान के अलग अलग प्रांतो से हैं जिनमें सिंध के 399, पंजाब के 249, ब्लूचिस्तान के 110, गिलिगत-बालटिस्तान के 80 ,खैबर पखतुनख्वाह के 38 और इस्लामाबाद के 15 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं .

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के स्पेशल असिस्टेंट (स्वास्थ्य) डा जफर मिर्जा ने टीवी पर दिये एक इंटरव्यू में कहा कि पाकिस्तान में जिन कोरोना के 892 मामलों  की पुष्टि हुई है उन्होनें ईरान की यात्रा की हुई है.‘’

तबलीगी जमात से जुड़े लोग कई महीनों तक छोटे छोटे ग्रुप में एक साथ रहते हैं . जानकारों के मुताबिक पहले फेज में कोराना चीन से पाकिस्तान और ईरान फैला और अब तबलीगी जमात के जरिये ये दक्षिण एशिया के देशों में बड़ी तेजी से फैल रहा है. 

 

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