Indian Variant: दुनिया में खतरा बन रहा है Corona का B.1.617 स्ट्रेन? सरकार ने कहा- निराधार बात
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Indian Variant: दुनिया में खतरा बन रहा है Corona का B.1.617 स्ट्रेन? सरकार ने कहा- निराधार बात

Covid-19 Variant B.1.617: भारत (India) सरकार ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के B.1.617 स्ट्रेन के बारे में कथित रूप से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के हवाले से मीडिया में आई खबरों को खारिज किया है. सरकार ने कहा है कि इन दावों में कोई दम नहीं है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: भारत (India) सरकार ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के B.1.617 स्ट्रेन के बारे में कथित रूप से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के हवाले से मीडिया में आई खबरों को खारिज किया है. इन खबरों में दावा किया गया कि 'WHO ने कोरोना के इंडियन वेरिएंट को दुनिया के लिए खतरे की बात बताया है.' 

  1. B.1.617 स्ट्रेन को बताया इंडियन वेरिएंट 
  2. केंद्र सरकार ने जारी किया स्पष्टीकरण
  3. WHO ने वायरस पर जारी की थी रिपोर्ट

B.1.617 स्ट्रेन को बताया था इंडियन वेरिएंट

सरकार ने बुधवार को कहा कि कई मीडिया रिपोर्टों ने WHO की ओर से कोरोना (Coronavirus) के B.1.617 स्ट्रेन को वैश्विक चिंता बताए जाने की खबर को कवर किया है. इनमें से कुछ रिपोर्ट में इस स्ट्रेन को 'इंडियन वेरिएंट' (Indian Variant) करार दिया गया है. सरकार ने कहा कि ऐसी रिपोर्टिंग बिना किसी आधार के की गई है. 

केंद्र सरकार ने जारी किया स्पष्टीकरण

केंद्र सरकार का यह स्पष्टीकरण उन मीडिया रिपोर्ट के बाद आया है. जिनमें दावा किया गया था कि WHO ने कोरोना (Coronavirus) के B.1.617 स्ट्रेन को इंडियन वेरिएंट (Indian Covid Variant) बताते हुए उसके वैश्विक खतरे का सबब बताया था. इन रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि वायरस के इस स्ट्रेन को पिछले साल सबसे पहले भारत में पाया गया और उसके बाद यह दुनिया के 44 देशों में फैल गया. 

WHO ने वायरस पर जारी की थी रिपोर्ट

बताते चलें कि WHO ने मंगलवार को कोरोना के B.1.617 स्ट्रेन पर रिपोर्ट जारी की थी. इसमें बताया गया था कि यह स्ट्रेन पहले के मुकाबले ज्यादा संक्रामक और जानलेवा है. इस स्ट्रेन ने कोरोना वैक्सीन के खिलाफ भी काफी हद तक प्रतिरोधक क्षमता हासिल कर ली है. यह स्ट्रेन दुनिया के कई देशों में पाया गया है.

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दूसरी लहर के पीछे इसी स्ट्रेन का हाथ?

रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस (Coronavirus) का यह स्ट्रेन पहली बार अक्टूबर 2020 में भारत में रिपोर्ट किया गया था. भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर और मौतों की बढ़ती संख्या ने इस स्ट्रेन और अन्य वेरिएंट B.1.1.7 की संभावित भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं. 

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