Coronavirus: दिल्ली से लेकर भोपाल तक हाहाकार, श्मशान में भीड़; भरने लगे कब्रिस्तान
Advertisement
trendingNow1884379

Coronavirus: दिल्ली से लेकर भोपाल तक हाहाकार, श्मशान में भीड़; भरने लगे कब्रिस्तान

कोरोना महामारी कहर बरपा रही है. दिल्ली और भोपाल जैसे शहरों में हर रोज मृतकों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. हालात ये हो चुके हैं कि दिल्ली हो या भोपाल, कोरोना वायरस से दम तोड़ने वालों की संख्या बढ़ने के कारण कब्रिस्तान और शमसान में संसाधनों की कमी पड़ने लगी है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली/भोपाल: कोरोना महामारी कहर बरपा रही है. दिल्ली और भोपाल जैसे शहरों में हर रोज मृतकों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. हालात ये हो चुके हैं कि दिल्ली हो या भोपाल, कोरोना वायरस से दम तोड़ने वालों की संख्या बढ़ने के कारण कब्रिस्तान और शमसान में संसाधनों की कमी पड़ने लगी है. यहां तक कि कब्रिस्तान और श्मशान घाटों का विस्तार तक करना पड़ रहा है.

दिल्ली में कब्रिस्तानों का बुरा हाल

कोविड-19 के कारण मौत की संख्या बढ़ने के कारण शहर में कब्रिस्तानों और श्मशानों में संसाधन की कमी पैदा हो गयी है. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक संक्रमण से अप्रैल के शुरुआती 13 दिनों में 409 लोगों की मौत हो गयी जबकि मार्च में 117 लोगों और फरवरी में 57 लोगों की मौत हुई थी. दिल्ली के आईटीओ के पास कब्रिस्तान अहले इस्लाम के मशकूर राशिद ने कहा कि अगर ऐसे ही मरने वालों की संख्या बढ़ती रही, तो अगले एक महीने में लोगों को दफनाने के लिए जमीन कम पड़ जाएगी. उन्होंने कहा, 'पिछले एक सप्ताह से औसतन यहां रोज 10-15 शव दफनाए जा रहे हैं. कल 18 शव दफनाए गए.' आईटीओ पर कब्रिस्तान की प्रबंधन समिति के सदस्य मशकूर राशिद ने कहा कि स्थानीय कब्रिस्तानों में जगह नहीं मिलने के कारण समूचे शहर से यहां पर शव लाए जा रहे हैं. 

दफनाने के लिए ज्यादा करनी पड़ रही खुदाई

उत्तरी दिल्ली के मेयर जय प्रकाश ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी लिखकर दफनाने के लिए जमीन की व्यवस्था करने में मदद मांगी है. निगम के एक अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 के शिकार हुए लोगों को दफनाने के लिए गहरी कब्र खोदनी पड़ती है और लोगों से खुदाई कराने पर लंबा समय लग जाएगा इसलिए जमीन खोदने वाली मशीनों की जरूरत है. उन्होंने कहा, 'सामान्यत: कब्रों के लिए चार से पांच फुट तक खुदाई करनी पड़ती है लेकिन कोविड-19 के पीड़ितों के लिए जमीन की 12-14 फुट खुदाई करनी पड़ती है. संक्रामक वायरस के कारण कब्र के स्थान का दोबारा इस्तेमाल भी नहीं हो सकता.'

दिल्ली के श्मशान घाटों का भी बुरा हाल

दिल्ली शहर के मुख्य श्मशान निगमबोध घाट का संचालन करने वाले बड़ी पंचायत वैश्य बीसे अग्रवाल संगठन के महासचिव सुमन गुप्ता ने भी कहा कि शवों की संख्या बढ़ गयी है. उन्होंने कहा, 'आम तौर पर यहां रोज करीब 50-60 शव की अंत्येष्टि होती है. अब यह संख्या बढ़कर 80 हो गयी है.' निगमबोध घाट में अंत्येष्टि के लिए 22 स्थान हैं जहां पर चिता जलायी जाती है और वायरस की चपेट में आकर जान गंवाने वाले लोगों के दाह-संस्कार के लिए सीएनजी चालित छह भट्ठियों का इस्तेमाल हो रहा है. बड़ी पंचायत वैश्य बीसे अग्रवाल संगठन के सुमन गुप्ता ने बताया, ट पिछले पांच दिनों में कोविड-19 संक्रमण से मारे गए 100 से ज्यादा लोगों का दाह-संस्कार हुआ है. मंगलवार को 33 शवों की अंत्येष्टि हुई. हमने कोरोना वायरस से जान गंवाने वालों के दाह-संस्कार के लिए खास खंड तैयार किया है जहां 22 जगहों पर अंत्येष्टि हो रही है. अगर जरूरत हुई तो दाह-संस्कार के लिए और स्थान तैयार किए जाएंगे.' उन्होंने बताया कि निगम बोध घाट के सभी कर्मचारियों को कोविड-19 रोधी टीके की खुराक दी गयी है और संक्रमण से बचाने के लिए उन्हें जरूरी सामान भी दिया गया है. 

भोपाल में भी विश्रामघाटों एवं कब्रिस्तानों में लाये जा रहे हैं बड़ी तादात में शव

कोविड-19 महामारी के कहर के बीच मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ने से भोपाल स्थित विश्रामघाटों एवं कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार करने के लिए जगह की कमी सहित कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले कुछ दिनों से यहां विश्रामघाटों एवं कब्रिस्तानों में अंतिम संस्कार करने के लिए लाये जाने वाले शवों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. यह जानकारी इन विश्रामघाटों एवं कब्रिस्तानों का संचालनकर्ताओं से बुधवार को मिली है. 

भदभदा विश्राम घाट का करना पड़ा विस्तार

भदभदा विश्राम घाट प्रबंधन समिति के सचिव मम्तेश शर्मा ने बताया, 'पिछले चार दिनों में हमने भदभदा विश्राम घाट में करीब 200 शवों का अंतिम संस्कार किया। इनमें से कई लोगों का अंतिम संस्कार कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया. अब हमने पास में ही दो एकड़ जमीन पर अंतिम संस्कार कर रहे हैं.' भदभदा विश्राम घाट प्रदेश की राजधानी भोपाल में हिन्दुओं के बड़े श्मशान घाटों में से एक है. शर्मा ने कहा, 'स्थिति इतनी खराब हो गई है कि कम से कम 58 शवों का दाह संस्कार मंगलवार को किया गया, जिनमें से 57 शवों का कोविड-19 के प्रोटोकॉल के मुताबिक किया गया, जबकि बुधवार शाम तक 50 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार किया गया है.' उन्होंने कहा, 'हमने विश्राम घाट से लगे खुले जगह पर 30 अतिरिक्त चितास्थल बनाकर उन पर अंतिम संस्कार करना शुरू कर दिया है. अगले दो-तीन दिनों में इस श्मशान घाट से लगे अन्य जमीन पर 20 और चितास्थल बनाएंगे.' शर्मा ने बताया कि पहले भदभदा विश्राम घाट पर 20 से 22 चितास्थल थे, जिन पर शवों के अंतिम संस्कार किया जाता था.

ये भी पढ़ें: माह-ए-रमजान में इस्लाम पर फ्रांस ने लगाईं पाबंदियां, मुसलमान हुए नाखुश

भोपाल के कब्रिस्तानों पर भी बढ़ा बोझ

भोपाल कब्रिस्तान प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रेहान गोल्डन ने बताया, 'स्थित बहुत खराब है. प्रतिदन औसतन हमारे कब्रिस्तान में सात से आठ शव दफनाने के लिए आ रहे हैं. इनमें से कुछ का कोविड-19 के प्रोटोकोल के मुताबिक दफनाया जा रहा है.' हालांकि, सरकारी आंकड़ों के अनुसार भोपाल में नौ अप्रैल से 13 अप्रैल के बीच में कोविड-19 से 10 लोगों की मौत हुई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जब एक टेलीविजन चैनल द्वारा सवाल किया गया कि सरकारी आंकड़ों एवं शवों में इतना अंतर क्यों आ रहा है, तो इसके जवाब में उन्होंने इस चैनल पर कहा कि यह अंतर इसलिए आ रहा है, क्योंकि संदेहास्पद कोविड मरीज के मरने पर उसका अंतिम संस्कार भी कोविड-19 के प्रोटोकोल के मुताबिक किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लोग अन्य रोगों से भी मर रहे हैं.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news