भारत सरकार ने पहली बार माना है कि कोरोना का नया स्ट्रेन हवा के जरिए ज्यादा फैल रहा है. ऐसा ही एक दावा करने वाली रिपोर्ट हाल ही में प्रसिद्ध जर्नल द लांसेट में भी पब्लिश हुई है.
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नई दिल्ली: पहली बार सरकार ने माना है कि कोरोना (Coronavirus) का नया स्ट्रेन हवा के जरिए बहुत तेजी से फैल रहा है. नीति आयोग में स्वास्थ्य सदस्य डॉ. वीके पॉल ने सोमवार को कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के कुछ निष्कर्ष ये हैं- 'इस बार वेंटिलेटर की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ रही है. मौतों की संख्या भी घटी है. ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ी है. हवा के जरिये ज्यादा फैल रहा है कोरोनावायरस.'
उन्होंने आंकड़े पर बात करते हुए कहा, 'कोरोना की पहली लहर में 30 साल से कम उम्र के 31% लोग कोरोना से संक्रमित हुए थे, दूसरी वेव में भी ये आंकड़ा 32% है. 30-45 वर्ष के लोगों का पॉजिटिविटी रेट पिछले साल की तरह 21 प्रतिशत पर ही है. वहीं युवाओं के पॉजिटिविटी रेट में भी कोई उछाल नहीं आया है.'
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इसी तरह कुछ दिन पहले प्रसिद्ध जर्नल द लांसेट ने भी अपनी एक रिपोर्ट ने दावा किया है कि ज्यादातर कोरोना वायरस का ट्रांसमिशन हवा के रास्ते से हो रहा है. इसलिए हमें सुरक्षा प्रोटोकॉल में तत्काल बदलाव करने की जरूरत है. इस रिपोर्ट को इंग्लैंड, अमेरिका और कनाडा के छह विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया है. इसमें कहा गया कि हवा के जरिए संक्रमण के सबूत काफी मजबूत हैं और बड़े ड्रॉपलेट ट्रांसमिशन के समर्थन के लिए सबूत न के बराबर हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक डब्ल्यूएचओ समेत जन स्वास्थ्य के लिए काम करने वाली सभी एजेंसियों को इन वैज्ञानिक सबूतों को मानना चाहिए ताकि हवा के जरिए फैल रहे संक्रमण को रोकने के लिए कदम उठाए जा सकें. रिपोर्ट के मुताबिक, SARS-CoV-2 का ट्रांसमिशन आउटडोर के मुकाबले इंडोर में ज्यादा होता है और इंडोर वेंटिलेशन से संक्रमण काफी घट जाता है.
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