कोरोना के खिलाफ भारत की पहली वैक्सीन बनाने का दावा, अगले महीने से शुरू होगा ट्रायल
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कोरोना के खिलाफ भारत की पहली वैक्सीन बनाने का दावा, अगले महीने से शुरू होगा ट्रायल

 दुनिया भर में 100 से ज्यादा कंपनियां वैक्सीन बनाने की दौड़ में हैं और हर कोई सबसे पहले कोरोना की वैक्सीन बनाकर रेस जीतना चाहता है. 

कोरोना के खिलाफ भारत की पहली वैक्सीन बनाने का दावा, अगले महीने से शुरू होगा ट्रायल

नई दिल्ली: दुनिया भर में 100 से ज्यादा कंपनियां वैक्सीन बनाने की दौड़ में हैं और हर कोई सबसे पहले कोरोना की वैक्सीन बनाकर रेस जीतना चाहता है. भारत में भी 25 के करीब रिसर्च इंस्टीट्यूट और कंपनियां इस दौड़ में हैं.

भारत बायोटेक की ही तरह कई और कंपनियां भी दावे कर रही हैं कि वो वैक्सीन की रेस में काफी आगे हैं और अक्टूबर तक तैयार वैक्सीन के साथ बाजार में आ जाएंगी. लेकिन फिलहाल ये सब केवल दावे हैं. भारत बायोटेक, ने ICMR और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी  (NIV) के साथ मिलकर COVID-19 के लिए COVAXIN ™, भारत की पहली वैक्सीन विकसित कर ली है.

इसके लिए NIV पुणे से भारत बायोटेक को कोरोना वायरस का स्ट्रेन मुहैया करवाया गया. हैदराबाद के जेनोम वैली में भारत बायोटेक कंपनी के दावे के मुताबिक, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया - सीडीएससीओ, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसके फेज वन और फेज टू ह्यूमन क्‍लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है. ये ट्रायल जुलाई से शुरू किए जाएंगे. भारत बायोटेक का दावा है कि भारत में विकसित किया गया ये पहला टीका यानी वैक्सीन है.

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