UK में कोरोना वायरस की तीसरी लहर ने दी दस्तक, जानें Britain वाली गलती भारत पर कैसे पड़ सकती है भारी?
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UK में कोरोना वायरस की तीसरी लहर ने दी दस्तक, जानें Britain वाली गलती भारत पर कैसे पड़ सकती है भारी?

कोरोना वायरस की तीसरी लहर (Coronavirus 3rd Wave) को रोकने के लिए लोगों की जिम्मेदारी बहुत बड़ी है. इसलिए सावधान हो जाइए और ब्रिटेन जैसी लापरवाही मत कीजिए, क्योंकि महामारी की डरावना अनुभव पूरे देश को दूसरी लहर में हो चुका है.

UK में कोरोना वायरस की तीसरी लहर ने दी दस्तक, जानें Britain वाली गलती भारत पर कैसे पड़ सकती है भारी?

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर (Coronavirus 2nd Wave) की रफ्तार अब धीरे-धीरे कम होने लगी है और कई राज्यों में नए मामलों के साथ-साथ मौत की संख्या में भी गिरावट आई है. हालांकि इस बीच एक्सपर्ट्स के द्वारा कोविड-19 के तीसरे लहर को लेकर भी चेतावनी दी जा रही है और लोगों को इससे बचने के लिए ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है.

  1. ब्रिटेन में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दी
  2. ब्रिटेन से सबक लेकर भारत को सावधान होने की जरूरत
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ब्रिटेन में कोरोना की तीसरी लहर ने दी दस्तक

क्या आपको मालूम है कि ब्रिटेन (Britain) में कोरोना वायरस की तीसरी लहर (Coronavirus 3rd Wave) ने दस्तक दे दी है? क्या आपको मालूम है कि ब्रिटेन में लोगों की लापरवाही इस तीसरी लहर का सबसे बड़ा कारण मानी जा रही है? क्या आपको मालूम है कि ब्रिटेन में जब दूसरी लहर आई थी तो ठीक उसके कुछ महीने के अंदर ही भारत में भी दूसरी लहर शुरू हो चुकी थी? क्या आपको मालूम है कि ब्रिटेन की लापरवाही से उस समय हम भारत के लोगों ने कोई सबक नहीं लिया था? ब्रिटेन में अब तीसरी लहर की आहट है और भारत में अनलॉक (Unlock) के बीच तीसरी लहर आने की आशंका है.

ब्रिटेन से सबक लेकर सावधान होने की जरूरत

लंदन में रूफटॉप पूल में कुछ लोग स्वीमिंग कर रहे हैं तो वगीं कई लोग थेम्स नदी के किनारे पार्क में भीड़ जुटाकर सन बाथ ले रहे हैं. लंदन की सड़क पर लॉकडाउन (Lockdown) का कोई असर नहीं दिख रहा है और बीच पर भी सैकड़ों की भीड़ जमा है. लंदन में दो दिन पहले हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर निकले और एंटी वैक्सीनेशन के अलावा एंटी लॉकडाउन प्रोटेस्ट में हिस्सा लिया.  ये सभी लोग बिना मास्क के थे. इनके हाथों में बैनर थे. जिसपर लिखा था- क्या किसी ने महामारी को देखा? वहीं एक और बैनर पर लिखा था- मीडिया ही वायरस है. ब्रिटेन में ऐसी ही नासमझी और लापरवाही का खौफनाक नतीजा अब सामने आ रहा है और कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है.

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ब्रिटेन में लॉकडाउन बढ़ाने की सलाह

ब्रिटिश सरकार (British Govt) को कोरोना वायरस पर भारतीय मूल के मशहूर वैज्ञानिक और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रवि गुप्ता ने सलाह दी है. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए बताया है कि ब्रिटेन कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर के शुरुआती चरण में है और प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) को 21 जून से लॉकडाउन हटाने की योजना को कुछ हफ्ते के लिए टाल देना चाहिए.

क्या तीसरी लहर के लिए ब्रिटेन के लोग खुद जिम्मेदार?

हो सकता है कि प्रोफेसर रवि गुप्ता की इस अपील के बाद ब्रिटेन की सरकार लॉकडाउन को कुछ दिनों के लिए और आगे बढ़ाए, लेकिन क्या इस तीसरी लहर (Coronavirus 3rd Wave) के आने के पीछे ब्रिटेन के लोग खुद जिम्मेदार नहीं है? कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए हम लोगों की जिम्मेदारी बहुत बड़ी है. इसलिए सावधान हो जाइए और ब्रिटेन जैसी लापरवाही मत कीजिए. वरना क्या होगा, इसका डरावना अनुभव पूरे देश को दूसरी लहर में हो चुका है.

भारत के लोगों ने ब्रिटेन में तीसरी लहर से क्या सीखा?

सवाल ये भी है कि ब्रिटेन (Britain) में तीसरी लहर की दस्तक से हम भारत के लोगों ने क्या सीखा? तो इसके लिए आपको भारत का हाल भी जानना चाहिए. भारत में कोरोना की दूसरी लहर अब कुछ थमती दिख रही है और तीसरी लहर ना आए इसलिए देश के कई राज्यों में अभी लॉकडाउन है. तो कई राज्यों ने कोरोना कर्फ्यू में ढील देते हुए अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की है. लेकिन जयपुर में जब समाजसेवी हाजी रफअत अली खान का दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई तो 31 मई को लॉकडाउन के बीच ही उनके जनाजे में सैकड़ों की भीड़ जुटी. इन लोगों ने सड़क पर निकलकर कोरोना वायरस के संक्रमण को बढ़ाने का काम किया. भारत में लापरवाही का आलम कई दूसरे शहरों में भी है.

ब्रिटेन वाली गलती तो नहीं दोहरा रहे भारत के लोग? 

अब खुद से सवाल पूछिए कि कहीं हम लोग ब्रिटेन वाली गलती तो नहीं दोहरा रहे? केंद्र सरकार लगातार तीसरी लहर की चेतावनी दे रही है. केंद्र सरकार लोगों को भरोसा दिला रही है कि भारत में तीसरी लहर को आने से रोका जाएगा, लेकिन लोगों से प्रोटोकॉल (Corona Protocol) को फॉलो करने की अपील भी की है. नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि हमने मिलकर वायरस को दबाया है. इस समय में हमें और दृढ़ होना है. यह वायरस अपने आप नहीं दबा. अगर हम प्रोटोकॉल फॉलो करते रहेंगे, नहीं तो कोई और वेव आएगी.

ब्रिटेन वाली गलती कैसे पड़ सकती है भारत पर भारी?

ब्रिटेन (Britain) में दूसरी लहर 31 दिसंबर 2020 को आई थी और तब यहां हर दिन 81 हजार से अधिक नए केस आ रहे थे. ब्रिटेन की सरकार ने इसके बाद और ज्यादा कड़ाई की. लॉकडाउन से संक्रमण पर काबू पाया गया. लेकिन इस साल अप्रैल और मई महीनों में फिर से लापरवाही शुरू कर दी और 15 मई 2021 के बाद से ब्रिटेन में संक्रमण फिर बढ़ने लगा है. ब्रिटेन में रोजाना 3000 से अधिक नए मामले आ रहे हैं और ये तीसरी लहर की शुरुआत मानी जा रही है. भारत में कोरोना की दूसरी लहर (Coronavirus 2nd Wave in India) में एक दिन में 4 लाख से ज्यादा नए मामले आने लगे थे, हालांकि अब लॉकडाउन से संक्रमण में कमी आई है और यह आंकड़ा 1 लाख 30 हजार से थोड़ा अधिक है. यानी राहत है, लेकिन इसी के साथ लापरवाही शुरू हो चुकी है और ऐसी ही लापरवाही हमारे देश पर भारी पड़ सकती है.

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