कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद जो सबसे प्रभावी दवा इससे निपटने में मानी जा रही है. वो रेमडेसिविर. लेकिन इसकी कीमत अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग है.
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मुंबई: कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद जो सबसे प्रभावी दवा इससे निपटने में मानी जा रही है. वो रेमडेसिविर. लेकिन इसकी कीमत अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग है. अमेरिका में इसकी एक डोज की कीमत 29 हजार रुपये से ज्यादा आ रही है, तो भारत के महाराष्ट्र राज्य में इसकी कीमत 1100 रुपये से 1400 रुपये तक तय कर दी गई है. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने इस बात की जानकारी दी.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र में रेमडेसिविर की खपत काफी ज्यादा है. हर दिन करीब 50 हजार डोज का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन राज्य में दवाएं कम पड़ रही हैं. हालांकि सरकार ने इसकी कालाबाजारी को रोकने और कीमतों को आम लोगों की पहुंच में रखने के लिए फैसला लिया है कि रेमडेसिविर के डोज की कीमत 1100 से 1400 रुपये प्रति डोज रखी जाए. उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना के नए स्ट्रेन से पीड़ित लोगों पर दवाओं का असर अलग अलग हो रहा है और उनपर इलाज के दौरान नजर रखनी पड़ रही हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एनआईवी (National Institute of Virology) को सैंपल उपलब्ध करा रही है. जो एनसीडीसी (National Centre for Disease Control) के पास भेजा जाएगा. इसके बाद ही तय किया जाएगा कि इस अलग स्ट्रेन से पीड़ित लोगों का किस तरह से इलाज किया जाए.
महाराष्ट्र सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में अस्पतालों में रेमडेसिविर की कीमत 2240 रुपये प्रति डोज के हिसाब से तय की थी, क्योंकि शुरुआत में कंपनियों ने इसे 5000 रुपये से भी अधिक के MRP पर उतारा था. हालांकि अस्पतालों को इससे कम रेट में सप्लाई होती थी, लेकिन मरीजों से बिलिंग में पूरा रेट लगाया जाता था. अब भी अस्पतालों में 4500 रुपये के आसपास की रकम ली जाती है. ब्लैक मार्केट में एक वायल का रेट 30,000 रुपये तक गया था. बता दें कि इस दवा के लिए डॉक्टर की पर्ची के साथ कोराना पॉजिटिव होने की टेस्ट रिपोर्ट, आधार कार्ड का ब्यौरा भी देना होता है.
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महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि राज्य में वैक्सीन की कमी पड़ रही है. केंद्र सरकार को हर सप्ताह 40 लाख डोज उपलब्ध कराने होंगे, क्योंकि हम तेजी से टीकाकरण कर रहे हैं. मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र में वैक्सीन के खराब होने की दर सिर्फ 3 फीसदी है, जो राष्ट्रीय औसत 6% से आधा है.