बीजेपी के सीएम कैंडिडेट प्रेम कुमार धूमल को हार मिली है.
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नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश की ठियोग विधानसभा सीट से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के उम्मीदवार राकेश सिंघा ने जीत दर्ज की है. हिमाचल प्रदेश की राजनीति के 24 सालों में लेफ्ट की एंट्री हुई है. इससे पहले 1993 में जब हिमाचल में एक सीट पर लेफ्ट ने कब्जा जमाया था. सीपीएम के राकेश सिंघा ने भाजपा के राकेश वर्मा और कांग्रेस के दीपक रहौर को हराया है. राकेश सिंघा ने हिमाचल में जबरदस्त जीत दर्ज करते हुए 2000 से ज्यादा मतों से जीत हासिल की है.
माकपा की ओर से जारी बयान के अनुसार, "इस जीत की ज्यादा महत्ता है, क्योंकि यह जीत दो बड़ी पार्टियों के बीच भारी ध्रुवीकरण के बावजूद मिली है."
बयान के अनुसार, "यह जीत ठियोग विधानसभा के लोगों द्वारा उनके अधिकारों की रक्षा करने और जनहित में कार्य करने के लिए माकपा पर जताए गए भरोसे को दिखाता है."
दरअसल, राकेश सिंघा हिमाचल प्रदेश में लेफ्ट का एक मजबूत चेहरा माने जाते हैं. काफी लंबे समय के बाद सिंघा अपनी इस जीत के साथ राजनीति में एक नई शुरुआत करेंगे.
कौन हैं राकेश सिंघा
राकेश सिंघा का जन्म 1956 में शिमला के कोटगड़ में हुआ था. वो एक किसान परिवार से नाता रखते हैं. राकेश सिंघा ने अपना राजनैतिक करियर अपनी पढ़ाई के दौरान ही शुरु किया था. छात्र राजनीति से ही वो वामपंथी विचारधारा से प्रभावित थे. बता दें हिमाचल की ठियोग सीट को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. इस के बावजूद सिंघा का जीतना महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
सक्रिय राजनीति में सिंघा 1985 में पहली बार शिमला नगर निगम में पार्षद के तौर पर चुने गए. इसके बाद 1993 में शिमला से विधायक बने लेकिन एक कानूनी मामले में हुई सजा के बाद उनके चुनाव को निरस्त कर दिया गया था.
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में वीरभद्र सिंह और उनके बेटे विक्रमादित्य ने जीत दर्ज करने के करीब हैं तो वहीं बीजेपी के सीएम कैंडिडेट प्रेम कुमार धूमल को हार मिली है.
अभी तक ये जीते, ये हारे...