गांवों के विकास का केन्द्र बनेगा ‘ग्रामीण विकास भवन’, CPWD दो साल में करेगा निर्माण
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गांवों के विकास का केन्द्र बनेगा ‘ग्रामीण विकास भवन’, CPWD दो साल में करेगा निर्माण

आवास एवं शहरी विकास मामलों के मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना की रूपरेखा तैयार कर इससे जुड़ी सभी जरूरी मंजूरी ले ली गयी हैं. 

CPWD आगामी जुलाई में इसका निर्माण कार्य शुरु कर देगा. (प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली: देश में गांवों के विकास की योजनाओं को बनाने और इन्हें लागू करने के लिये सरकार ने ग्रामीण विकास मंत्रालय और इससे जुड़े सभी विभागों एवं संगठनों का संचालन एक ही जगह से करने का फैसला किया है. यह काम, मंत्रालय के दिल्ली में बनने वाले नये मुख्यालय के रूप में ‘‘ग्रामीण विकास भवन’’ से किया जायेगा. 

केन्द्र सरकार की भवन निर्माण एजेंसी, केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को दिल्ली में कस्तूरबा गांधी मार्ग पर ग्रामीण विकास भवन बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.

मिल गई है जरुरी मंजूरी
आवास एवं शहरी विकास मामलों के मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना की रूपरेखा तैयार कर इससे जुड़ी सभी जरूरी मंजूरी ले ली गयी हैं. सीपीडब्ल्यूडी आगामी जुलाई में इसका निर्माण कार्य शुरु कर देगा.

तैयार हो रही है 9 मंजिल का ग्रामीण विकास भवन
इसकी कार्ययोजना के मुताबिक लगभग 450 करोड़ रुपये की लागत से जुलाई 2021 में बन कर तैयार होने वाले नौ मंजिला ग्रामीण विकास भवन की दीवारें, देश के गांवों की अनूठी सांस्कृतिक विरासत और जीवनशैली की रंगत से दुनिया को रूबरू करायेंगी.

उल्लेखनीय है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय का कामकाज फिलहाल, सीपीडब्ल्यूडी द्वारा दिल्ली में निर्मित ‘कृषि भवन’ से होता है. कृषि भवन में कृषि मंत्रालय के अलावा ग्रामीण विकास, पंचायती राज और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय सहित अन्य केन्द्रीय विभागों का कामकाज होता है.

सीपीडब्ल्यूडी ने हाल ही में पर्यावरण मंत्रालय के मुख्यालय के रूप में विश्वस्तरीय हरित तकनीक पर आधारित इंदिरा पर्यावरण भवन और इससे पहले विदेश मंत्रालय के लिये जवाहर भवन का भी दिल्ली में निर्माण किया था. जबकि ग्रामीण विकास भवन और अक्षय ऊर्जा मंत्रालय के मुख्यालय के रूप में अक्षय ऊर्जा भवन निर्माणाधीन हैं. 

अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक बन रहे ग्रामीण विकास भवन में, न सिर्फ मंत्रालय का मुख्यालय होगा बल्कि इसमें संबद्ध मंत्रियों से लेकर सभी अधिकारियों, संबद्ध विभागों एवं संगठनों के कार्यालय भी होंगे जिससे एक ही जगह से गांवों के विकास का रोडमैप तैयार कर इसे लागू भी किया जा सकेगा. 

लगभग 14 हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बनने वाले ग्रामीण विकास भवन में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के लिये भव्य सभागार एवं विभिन्न श्रेणी के मीटिंग रूम की भी व्यवस्था होगी. ग्रामीण क्षेत्रों से आने वालों के लिये स्थानीय व्यंजनों की सहूलियत के साथ भवन के भूतल पर ही सार्वजनिक भोजनालय मौजूद होगा.

भवन में केन्द्रीय चिकित्सा सेवा (सीजीएचएस) की डिस्पेंसरी, बैंक और डाकघर के अलावा महिला कर्मचारियों के छोटे बच्चों की देखभाल के लिये ‘क्रैच’ की सुविधा भी होगी. पूरी तरह से ग्रीन बिल्डिंग अवधारणा पर बनने वाले ग्रामीण विकास भवन में ऊर्जा एवं जल संरक्षण के विशेष उपाय किये गये हैं. 

यह इमारत न सिर्फ 250 किलोवाट सौर ऊर्जा का उत्पादन करेगी बल्कि इसमें 200 किलो लीटर अपशिष्ट जल को प्रतिदिन साफ करने वाला संयत्र भी होगा. इस शोधित जल का बागवानी और सफाई आदि में पुन: इस्तेमाल हो सकेगा.

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