Naxal Attack: 'पापा आंखें खोलो'... नक्सल हमले में शहीद जवान का शव घर पहुंचा तो बिलख पड़े बच्चे, लोगों का पसीज गया दिल
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Naxal Attack: 'पापा आंखें खोलो'... नक्सल हमले में शहीद जवान का शव घर पहुंचा तो बिलख पड़े बच्चे, लोगों का पसीज गया दिल

Naxal Attack in Chaibasa Jharkhand: झारखंड के चाईबासा जिले में हुए नक्सलियों के आईईडी हमले में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया. जब उनका पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो हरेक की आंखें गमगीन हो गई.

Naxal Attack: 'पापा आंखें खोलो'... नक्सल हमले में शहीद जवान का शव घर पहुंचा तो बिलख पड़े बच्चे, लोगों का पसीज गया दिल

CRPF soldier martyred in Naxal attack in Chaibasa Jharkhand: झारखंड के चाईबासा गोईलकेरा के हाथी बेड़ा जंगल में हुए आईडी ब्लास्ट में सीआरपीएफ के जवान संतोष उरांव शहीद हो गए. जब उनका पार्थिव शरीर तुरियाडीह गांव पहुंचा तो पूरा माहौल गमगीन हो गया. शहीद जवान संतोष उरांव को जगह-जगह पर श्रद्धांजलि दी गई. इस मौके पर डीसी, एसपी और बाकी पुलिस अधिकारी ने गांव में पहुंचकर शहीद को श्रद्धांजलि दी. शहादत से करीब 3 घंटे पहले जवान संतोष उरांव ने पत्नी से बात की थी. उन्होंने कहा था कि जल्द ही एक महीने की छुट्टी लेकर घर आएंगे. अपने शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचने पर बच्चों का रो- रोकर बुरा हाल था. वे बार-बार बोल रहे थे कि 'पापा आंख खोलो.'

डीसी- एसपी ने दिया एक लाख का चेक

शहीद जवान को सम्मान देने के लिए गुमला जिले के डीसी करण सत्यार्थी और एसपी हरविंदर सिंह भी गांव में मौजूद थे. शव पहुंचते ही गांव में पूरा माहौल गमगीन हो गया. लोगों की आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे. जिले के डीसी और एसपी ने शहीद हुए जवान की मां, पिता और भाई भाई को ढाढ़स बंधाया, साथ ही हर संभव मदद का भरोसा भी दिया. इस दौरान आर्थिक सहयोग के रूप में एक लाख रुपये का चेक भी जिला प्रशासन की ओर से दिया गया.

गांव में लगाई जाएगी शहीद की प्रतिमा

शहीद जवान के छोटे भाई सतराम उरांव ने अपने भाई की प्रतिमा घाघरा में लगवाने की बात कही. जिस पर डीसी- एसपी ने कहा कि जल्द ही ये प्रक्रिया पूरी की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की परेशानी में हर संभव मदद के लिए जिला प्रशासन तैयार है. अंतिम संस्कार से पहले शहीद जवान को अंतिम सलामी भी दी गई. 

हजारों लोगों ने दी अंतिम विदाई

शहीद जवान की एक झलक पाने के लिए हजारों की संख्या में लोग मौके पर पहुंचे हुए थे. इसके साथ ही सीआरपीएफ के आला अधिकारी भी अपने शहीद जवान को अंतिम विदाई देने के लिए गांव में आए थे. शहीद जवान के छोटे भाई सतराम उरांव ने बताया कि उसके भाई ने 2014 में सीआरपीएफ में जॉइन की थी. इसके बाद इस साल 4 नवंबर 2023 को वे घर आए थे और 14 नवंबर 2023 को वापस ड्यूटी पर लौट गए थे. उनके घर की स्थिति काफी दयनीय बताई जाती है. 

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