उल्लेखनीय है कि गांधी परिवार से विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) का घेरा हटते ही बीते कुछ दिन पहले ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के लोधी एस्टेट स्थित आवास पर पांच लोग एक तस्वीर खींचने के बहाने उनकी देहरी तक पहुंच गए थे.
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नई दिल्ली : प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) के घर पर सुरक्षा में चूक के मामले को सीआरपीएफ ने गंभीरता से लिया है. सूत्रों के मुताबिक, CRPF ने सुरक्षा से जुड़े मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) को रिव्यू किया है. साथ ही सोनिया गांधी, राहुल गांधी, डॉ. मनमोहन सिंह और मनमोहन सिंह की पत्नी के यहां भी SOP को रिव्यू किया गया है. अबसे बिना वेरिफिकेशन के कोई भी गाड़ी इन अति विशिष्ट लोगों के आवास में प्रवेश नहीं कर सकेगी. नए SOP के आधार पर CRPF ने सुरक्षा के कदम उठाए हैं.
उल्लेखनीय है कि गांधी परिवार से विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) का घेरा हटते ही बीते कुछ दिन पहले ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के लोधी एस्टेट स्थित आवास पर पांच लोग एक तस्वीर खींचने के बहाने उनकी देहरी तक पहुंच गए थे. यह वाकया महज पांच दिन पहले का है. 26 नवंबर को दोपहर बाद लगभग दो बजे एक काली स्कॉर्पियो आकर प्रियंका गांधी के आवास पर आकर रुकी. उस समय उनके दफ्तर में बैठक चल रही थी. उनके एक सहयोगी ने बाहर आकर स्कॉर्पियो से उतरे लोगों से पूछा कि वे क्या चाहते हैं. कार से उतरे लोगों में दो पुरुष, तीन महिलाएं और एक बच्चा था. उन्होंने कहा कि वे प्रियंका गांधी के साथ एक तस्वीर खिंचवाना चाहते हैं.
यंका के दफ्तर के कर्मियों ने जब वहां तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) से पूछा कि ये लोग अंदर कैसे आ गए, तो जवाब मिला कि आवास की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की है. इस पर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया.
सरकार ने अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे व पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा की सुरक्षा में लगा एसपीजी घेरा हटा लिया है और इसके बदले उन्हें सीआरपीएफ की जेड प्लस सुरक्षा मुहैया कराई गई है. इन्हें एसपीजी सुरक्षा पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की एक चुनावी रैली के दौरान आत्मघाती हमले में हत्या हो जाने के बाद से मिली हुई थी.
एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने पर सफाई देते हुए सरकार ने संसद में कहा कि यह बदले की राजनीति नहीं है, बल्कि सुरक्षा के प्रति वांछित तत्परता नहीं दिखाए जाने के बाद इसे हटाया गया. एसपीजी सुरक्षा अब सिर्फ प्रधानमंत्री के लिए रहेगी और इसके लिए संसद में एसपीजी अधिनियम में संशोधन भी पारित कराया गया है.