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नई दिल्लीः कर्नाटक हाई कोर्ट में आज भी हिजाब पर लंबी बहस चली. लेकिन कोर्ट इस मामले में अभी तक किसी फैसले पर नहीं पहुंची. मामले में अब मंगलवार को फिर सुनवाई होगी.
सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मीडिया से जिम्मेदारी के साथ रिपोर्टिं करने की अपील की. हिजाब की मांग कर रही छात्राओं का पक्ष रखते हुए वकील देवदत्त कामत ने आज भी सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि हिजाब पर सरकारी आदेश अनुच्छेद 25 (1) का उल्लंघन है और वैधानिक रूप से गलत है. कोर्ट में फिर दोहराया गया कि हिजाब धार्मिक परंपरा का हिस्सा है.
वहीं, हाई कोर्ट ने पूछा कि आखिर कब से संस्थानों में छात्राएं हिजाब पहन रही हैं? इस पर वकील कामत ने कहा कि छात्राएं बीते दो सालों से हिजाब पहन रही हैं. कामत ने कहा कि छात्राएं अपने सिर को ढकने के अलावा कोई और मांग नहीं कर रही हैं.
वकील कामत ने कहा कि यदि कोई धार्मिक क्रिया किसी को नुकसान पहुंचाती है तो उस पर पब्लिक ऑर्डर गलत नहीं है. इस पर हाई कोर्ट की बेंच ने पूछा कि क्या कुरान में इसे इस्लाम का हिस्सा बताया गया है. इस पर कामत ने कहा कि हां हिजाब इस्लाम का अहम हिस्सा है.
कर्नाटक में कांग्रेस विधायकों ने सोमवार को राज्य विधानमंडल की संयुक्त बैठक में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान काली पट्टी पहनी. उन्होंने हिजाब विवाद के अलावा नई दिल्ली में हुई गणतंत्र दिवस परेड में समाज सुधारक नारायण गुरु की झांकी को शामिल न किए जाने के विरोध में यह कदम उठाया. कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि हिजाब विवाद में भाजपा सरकार की भूमिका है.
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