रक्षा सौदों पर बोले मनोहर पर्रिकर, खरीद पर फैसले रातों रात नहीं होते
Advertisement

रक्षा सौदों पर बोले मनोहर पर्रिकर, खरीद पर फैसले रातों रात नहीं होते

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शऩिवार को कहा कि टेलीविजन एवं मोबाइल फोनों की खरीद के विपरीत रक्षा सौदे रातों रात नहीं होते और नौकरशाही प्रक्रियाओं के कारण इनमें काफी समय लगता है।

रक्षा सौदों पर बोले मनोहर पर्रिकर, खरीद पर फैसले रातों रात नहीं होते

हैदराबाद : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शऩिवार को कहा कि टेलीविजन एवं मोबाइल फोनों की खरीद के विपरीत रक्षा सौदे रातों रात नहीं होते और नौकरशाही प्रक्रियाओं के कारण इनमें काफी समय लगता है।

उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में बोलते समय ध्यान दिलाया कि कई बार नौकरशाही में ऐसे लोग होते हैं जो उत्पाद के बारे में कुछ नहीं जानते उन्हें खरीद के काम करने पड़ते हैं।

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘रक्षा (सौदों) में समय लगता है। यदि मैंने कोई आर्डर दे भी दिया तो यह रात भर में नहीं हो जाएगा क्योंकि इसे परिपक्व होने मे समय लगेगा। सेना के सामान शेल्फ से नहीं खरीदे जाते जैसे कि आप टीवी या मोबाइल खरीदते हैं। जैसे कि आप दुकाने में जाते हैं और उत्पाद खरीद के आते हैं।’ 

इस बीच पर्रिकर ने यह भी उम्मीद जतायी कि मौजूदा वित्त वर्ष में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के मुद्दे को हल कर लिया जाएगा। उन्होंने यहां शहर के बाहर डुंडीगल में वायुसेना अकादी की पासिंग आउट परेड की सलामी लेने के अवसर से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘यह सवाल अड़चनों (सीडीएस होने के बारे में) का नहीं है। महत्वपूर्ण बिन्दु यह है कि सीडीएस का वास्तव में कमानों (तीनों सेनाओं की) के जुड़ाव से संबंध है।’ 

सीडीएस मुद्दे पर समयसीमा के बारे में रक्षा मंत्री ने कहा, ‘मैं कोई समयसीमा नहीं बताऊंगा किन्तु वर्तमान वित्त वर्ष में मुझे उम्मीद है कि मैं मुद्दे का हल कर लूंगा।’ पर्रिकर से यह पूछा गया था कि सीडीएस का पद का साकार होगा तथा इसमें क्या अड़चनें हैं।

रक्षा सौदों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, ‘रक्षा सौदे का आदेश देने में बहुत समय लगता है। विभाग में हर तरह के लोग बैठे होते हैं, जो लोग वास्तविक उत्पाद के बारे में कुछ भी नहीं समझते, कुछ अस्पष्ट सवाल पूछते हैं, कुछ समय ऐसे सवाल पूछते हैं जिन पर हंसी आ जाये और कई बार प्रासंगिक सवाल भी पूछते हैं। जब तक कि वह संतुष्ट हो पाता है तब तक उसका तबादला हो जाता है और उसकी जगह कोई और आता है तथा वह फिर से अलग तरह के सवाल पूछता है। इसमें काफी समय लग जाता है।’ उन्होंने यह बात टाटा बोइंग एयरोस्पेस लि. की नई सुविधा के आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम में बोलते हुए कही।

Trending news