अभय चौटाला ने जाट प्रदर्शनकारियों का किया समर्थन, विज ने किया पलटवार
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अभय चौटाला ने जाट प्रदर्शनकारियों का किया समर्थन, विज ने किया पलटवार

आरक्षण के समर्थन में जाटों के आंदोलन का नया दौर बुधवार को 11वें दिन भी जारी रहा। इनेलो नेता अभय चौटाला ने कई स्थानों पर जाटों की सभाओं को संबोधित किया जबकि राज्य मंत्री अनिल विज ने विपक्ष पर प्रदर्शनकारियों को भड़काने का आरोप लगाया। अधिकारियों ने यहां बताया कि राज्य शांतिपूर्ण रहा और किसी भी अप्रिय घटना का समाचार नहीं है।

अभय चौटाला ने जाट प्रदर्शनकारियों का किया समर्थन, विज ने किया पलटवार

चंडीगढ़ : आरक्षण के समर्थन में जाटों के आंदोलन का नया दौर बुधवार को 11वें दिन भी जारी रहा। इनेलो नेता अभय चौटाला ने कई स्थानों पर जाटों की सभाओं को संबोधित किया जबकि राज्य मंत्री अनिल विज ने विपक्ष पर प्रदर्शनकारियों को भड़काने का आरोप लगाया। अधिकारियों ने यहां बताया कि राज्य शांतिपूर्ण रहा और किसी भी अप्रिय घटना का समाचार नहीं है।

रोहतक, झज्जर, जींद और कैथल में जाट समुदाय के सदस्यों के धरना को संबोधित करते हुए चौटाला ने कहा कि उनकी पार्टी जाटों और पांच अन्य समुदायों को दिए गए आरक्षण को जारी रखने का समर्थन करती है। उन्होंने कहा, ‘हम विधानसभा के अगले सत्र में मुद्दे को उठाएंगे।’ उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने जाटों और पांच अन्य समुदायों को आरक्षण देने की सरकार की मंशा पर शुरूआत से ही संदेह जताया था। उन्होंने कहा, ‘इसलिए यह मामला अदालतों में फंस गया है।’ 

इस बीच, राज्य मंत्री अनिल विज ने विपक्ष पर शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे जाट समुदाय को भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘जाट शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हैं लेकिन वे इसे पचा नहीं पा रहे हैं। वे उन्हें उकसाना चाहते हैं। कांग्रेस नेता आनंद सिंह डांगी ने भी रोहतक में जाटों की सभा को संबोधित किया था जहां उन्होंने राजनैतिक भाषण दिया, जिसका सभा ने विरोध किया।’ 

विज ने कहा कि जाट समुदाय विपक्ष की साजिश को जानता है, जो शांति भंग करना चाहते हैं और इसलिए वे उनके जाल में नहीं फंसेंगे। उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि जाट समुदाय शांतिपूर्ण तरीके से धरना देगा।’ जाटों के फरवरी में हिंसक आंदोलन के बाद राज्य सरकार ने जाटों और पांच अन्य समुदायों को नवनिर्मित पिछड़ा वर्ग (सी) श्रेणी के तहत आरक्षण प्रदान करने के लिए कानून बनाया था। हालांकि, एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने इसपर रोक लगा दी। इसके बाद जाट समुदाय ने नए सिरे से आंदोलन की घोषणा की।

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