वकीलों और पुलिस की झड़प को समय रहते रोक लेना चाहिए था : मनीष सिसोदिया
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वकीलों और पुलिस की झड़प को समय रहते रोक लेना चाहिए था : मनीष सिसोदिया

डिप्टी सीएम ने कहा, 'हम चाहते हैं कि किसी भी तरह की हिंसा न हो और इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान हो.'

वकीलों और पुलिस की झड़प को समय रहते रोक लेना चाहिए था : मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली: राजधानी के तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिसवालों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद उपजे हालातों पर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा है कि इस हिंसा को समय रहते ही रोक लेना चाहिए था. वकीलों और पुलिस के बीच चल रही तनातनी पर पत्रकारों का जवाब देते हुए सिसोदिया ने कहा, ये स्थिति अप्रत्याशित है, एक तरफ वकील जो जनता को न्याय दिलाने का काम करते है और दूसरी तरफ पुलिस है जो जनता की सुरक्षा करती है दोनों आम आदमी के इर्दगिर्द खड़े हुए वो लोग है जिन पर आम आदमी भरोसा करता है, जब इन दोनों के बीच कोई समस्या होती है तो इस पर समय रहते उपाय कर लेने चाहिए.'

 डिप्टी सीएम ने कहा, 'हम चाहते हैं कि किसी भी तरह की हिंसा न हो और इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान हो.'

बता दें कि 2 नवबंर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट परिसर में पार्किंग को लेकर वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच हुई बहस ने हिंसक रूप ले लिया था और इस दौरान पुलिस को गोलीबारी करनी पड़ी थी. इस हिंसा में वकीलों को गोली भी लगी और कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे. 

इसके बाद सोमवार 4 नवंबर को दिल्ली की सभी कोर्ट में वकीलों ने हड़ताल की. कड़कड़डूमा कोर्ट और साकेत कोर्ट में वकीलों द्वारा पुलिसवालों की पिटाई के वीडियो भी सामने आए. जिसके बाद मंगलवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर पुलिसकर्मियों और उनके परिवारवालों ने विरोध प्रदर्शन किया. दिल्ली के नरेला और इंडिया गेट में भी पुलिसवालों के परिवारवालों ने प्रदर्शन किया और निलंबित पुलिसवालों को वापस ड्यूटी ज्वाइन करवाने की मांग की. 

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