पटियाला हाउस कोर्ट के स्पेशल सीबीआई जज भारत पराशर ने गुप्ता के अलावा कोयला मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव केएस क्रोफा और मंत्रालय के तत्कालीन निदेशक (सीए-1) केसी समरिया को भी तीन साल कारावास की सजा सुनाई है.
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नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश रचने के मामले में 3 साल की सजा सुनाई है. साथ ही उन पर 50 हज़ार का जुर्माना भी लगाया गया है.
पटियाला हाउस कोर्ट के स्पेशल सीबीआई जज भारत पराशर ने गुप्ता के अलावा कोयला मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव केएस क्रोफा और मंत्रालय के तत्कालीन निदेशक (सीए-1) केसी समरिया को भी तीन साल कारावास की सजा सुनाई है. हालांकि अदालत द्वारा गुप्ता, क्रोफा और समरिया को प्रकिया के तहत जमानत पर रिहा कर दिया गया.
वहीं, विकास मेटल्स एंड पॉवर लिमिटेड (वीएमपीएल) के प्रबंध निदेशक विकास पटनी और इसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आनंद मलिक को चार साल की सजा सुनाई है. अदालत ने वीएमपीएल पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
दरअसल, अदालत ने पांच दोषियों को सजा सुनाने पर अपना आदेश सोमवार को सुरक्षित कर लिया था और सजा पर फैसले के लिए पांच दिसंबर की तारीख तय की थी.
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अदालत ने कहा था कि वीएमपीएल के पक्ष में पश्चिम बंगाल में कैप्टिव कोयला ब्लॉक मोइरा-मधुजोर को आवंटित करने के लिए सभी छह अभियुक्तों ने एक साथ आपराधिक साजिश रची थी. सीबीआई ने दोषियों को सात साल कारावास के लिए अनुरोध किया था, जबकि दोषियों के वकील ने एक उदार सजा देने की मांग की थी.
विशेष सीबीआई न्यायालय द्वारा कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में यह छठा फैसला सुनाया गया. सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच किए गए 20 से अधिक मामले अभी भी लंबित हैं.