मनोज तिवारी ने कहा, केजरीवाल को रामायण को बेहतर तरीक़े से पढ़ना चाहिए और अमल में लाना चाहिए.
Trending Photos
नई दिल्ली: दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि केजरीवाल को अपने परिवार में बदलाव लाने के लिए राम राम का जाप करना चाहिए. उन्होंने कहा कि केजरीवाल को रामायण को बेहतर तरीक़े से पढ़ना चाहिए और अमल में लाना चाहिए. मनोज तिवारी यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने सीएम केजरीवाल के लिए कहा कि उन्हें भी रामलीला में पाठ करना चाहिए. रामलीला में अगर अरविंद केजरीवाल काम करेंगे तो उनकी भी शुद्धी हो जाएगी.
दिल्ली में नवश्री मानव धर्म रामलीला कमेटी के बैनर तले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने कहा, ''मैंने अगर ये कहा कि हर जगह रावण है और इनको मारने के लिए कितने राम लाने पड़ेंगे? ये बड़ा सवाल है तो मेरा मक़सद अरविंद केजरीवाल को रावण कहना बिल्कुल नहीं था. अगर कोई समझता है तो समझ ले.'' उन्होंने रामलीला के बहाने केजरीवाल पर जमकर तंज कसते हुए अगर अरविंद केजरीवाल को अपनी व्यक्तित्व को बदलना है तो उन्हें राम नाम का जाप ज़रूर से करना पड़ेगा.
दिल्ली में एनआरसी लागू होनी चाहिए
BJP के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि देश में अब हर जगह एनआरसी लागू होनी चाहिए. तिवारी ने कहा कि हम सबसे पहले अपने देश के तमाम लोगों की ज़रूरतों को पूरा करना हमारा कर्तव्य है, न कि घुसपैठियों के लिए हमें कुछ करने की ज़रूरत है. दिल्ली में एनआरसी लागू करना बेहद ज़रूरी है क्योंकि यहां घुसपैठियों का आतंक है.
रजा मुराद का बयान
इस मौके पर फ़िल्म कलाकार रज़ा मुराद ने कहा, ''देश के इस वक्त के हालात के मुताबिक़ रामलीला करना बेहद ज़रूरी है. रामलीला के ज़रिए गंगा जमुनी तहज़ीब को हम तमाम लोगों तक पहुंचाते हैं. रामलीला में मैं ही नहीं बल्कि शाहबाज़ ख़ान और अवतार गिल भी काम कर रहे हैं. इससे यह समझना बिलकुल आसान है कि रामलीला के ज़रिए गंगा जमुनी तहज़ीब को किस तरीक़े से प्रदर्शित किया जाता है.''
संतोष गंगवार के बयान की वकालत
रजा मुराद ने केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के बयान की वकालत करते हुए कहा, ''गंगवार के बयान को ग़लत तरीक़े से लेने की बिलकुल ज़रूरत नहीं है बल्कि गंगवार ने तो ये कहा कि हमारे नॉर्थ इंडिया के लोगों में टेक्निकल चीज़ों की कमी है जिस को दुरुस्त करने की ज़रूरत है और ये बात मुझे लगता है कि बेहद ज़रूरी है और बहत सही बात है. इस सब को अमल में लाने की ज़रूरत है. मैं संतोष गंगवार के बयान की वकालत करता हूं.''