दिल्ली की गौशालाओं की स्थिति दयनीय, पिछले 3 साल से MCD से नहीं मिले पैसे; दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष बोले- 'मामला जल्द सुलझा लेंगे'
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दिल्ली की गौशालाओं की स्थिति दयनीय, पिछले 3 साल से MCD से नहीं मिले पैसे; दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष बोले- 'मामला जल्द सुलझा लेंगे'

दिल्ली की गौशालाओं को न सरकारी मदद मिल पा रही, न गायों के लिए खाने का चारा मिल पा रहा है. 8 हजार से ज्यादा गायों का रखरखाव करना मुश्किल होता जा रहा है. गायों के पेट भरने का जिम्मा लेने वाली दिल्ली नगर निगम भी मदद नहीं कर रही है.

उत्तरी नगर निगम पर गौशालाओं का करोड़ों रुपये बकाया है.

नई दिल्ली: कोरोना काल में दिल्ली में गायों के लिए भी जीने-मरने के हालात पैदा हो गए हैं. गौशालाओं को न सरकारी मदद मिल पा रही, न गायों के लिए खाने का चारा मिल पा रहा है. 8 हजार से ज्यादा गायों का रखरखाव करना मुश्किल होता जा रहा है. दिल्ली नगर निगम भी मदद नहीं कर रहा है. ऐसे में गौशाला प्रबंधक परेशान हैं. दिल्ली में गौशालाओं में जगह की कमी की वजह से सीजन में चारा स्टोर नहीं हो पा रहा है. कोरोना के बाद से लोग भी मदद के लिए कम पहुंच रहे हैं. लिहाजा, चारा खत्म होते ही गौशाला संचालकों को किसानों से चारा अधिक दाम में खरीदना पड़ रहा है. गायों की बढ़ती तादाद से प्रबंधन के लिए गौशाला का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है. 

गायों को सड़क पर छोड़ देने का अल्टीमेटम
सरकारी मदद नहीं मिल पाने के कारण गौशाला प्रबंधन ने भी गायों को सड़क पर छोड़ देने का अल्टीमेटम दिया है. ZEE NEWS ने गायों की स्थिति को लेकर जब पड़ताल की तो पता चला कि उत्तरी नगर निगम में हालात बदतर हैं. उत्तरी नगर निगम पर गौशालाओं का करोड़ों रुपये बकाया है. निगम पिछले 3 साल से पैसे नहीं दे रहा है. एक अप्रैल 2017 से मई 2020 तक गौशलाओं का फीडिंग चार्ज बकाया है. बकाया राशि करीब 18 करोड़ रुपये बैठती है. दिल्ली में श्री कृष्ण गौशाला में सरकार की मॉडल गौशाला है.

हाई कोर्ट के आदेश पर दिल्ली सरकार से मान्यता प्राप्त पांच गौशालाओं को हर रोज प्रति गाय 20 रुपये दिल्ली सरकार की ओर से 20 रुपये एमसीडी की तरफ से दिए जाने होते हैं जो साल 2017 से बकाया हैं. पिछले तीन साल से गौशलाओं को सिर्फ आश्वासन ही मिला है. अनुदान की जगह तपाक सा जवाब मिलता है कि निगम की आर्थिक हालत ठीक नहीं है. 

श्रीकृष्ण गौशाला के कोषाध्यक्ष आनंद जालान का कहना है, "8000 हजार से ज्यादा गायों को हम संभाल रहे हैं. नगर निगम ने पिछले 3 साल से हमारी कोई मदद नहीं की है. कोरोना काल के कारण अब चारे की समस्या बढ़ती जा रही है. किसानों ने चारे के दाम बढ़ा दिए हैं. नगर निगम करोड़ोंं  रुपये दबाकर बैठा है जिससे हालात मुश्किल होते जा रहे हैं." 

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष बोले- मामला जल्द सुलझा लेंगे
इस मसले पर जब दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता से प्रतिक्रिया ली गई, तो उनका कहना है, "दिल्ली सरकार ने गौशालाओं के रखरखाव का पैसा एमसीडी को नहीं दिया है, जिसके चलते फंड की कमी है. गौशालाओं को फंड नहीं मिलने की जानकारी आपके (ZEE NEWS) के जरिये मिली है और अब मैं एमसीडी से बात करूंगा. जल्दी ही इस मसले को सुलझा लिया जाएगा. हमारी पार्टी गायों के संवर्धन के लिए लगातार काम करती है और हम अब भी गायों की रक्षा के लिए काम करेंगे."

इधर, उत्तरी दिल्ली निगम के महापौर जयप्रकाश का कहना है, "हर गाय पर 20 रुपये देने का वादा है. इसको नहीं झुठला सकते लेकिन कोशिश कर रहे हैं. जल्द ही इसको सुलझा लेंगे.

3 साल से मदद का इंतजार
दिल्ली में गौशालाओं के रखरखाव और प्रबंधन का काम गौशाला कमेटी खुद करती है. दिल्ली सरकार से जमीन मिली है. दिल्ली सरकार ने भी जमीन देकर अपने काम को पूरा हुआ मान लिया है. अब गौशालाओं के सामने सबसे बड़ी समस्या आकर खड़ी हो गई कि गायों का खर्च चलाएं तो कैसे? अगर गौशलाओं को बकाया अनुदान जल्द नहीं मिला तो हालात और बदतर हो सकते हैं.

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