2 टावर वाली इस पार्किंग के हर टावर में 16 लेवल होंगे. इसके एक टावर में 68 गाड़ियां पार्क की जा सकेंगी, यानी दोनों टावर में एक साथ 136 गाड़ियां खड़ी की जा सकेंगी.
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नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में गाड़ियों की पार्किंग एक बड़ी समस्या है. समय-समय पर इस समस्या से निपटने के लिए उपाय भी होते रहे हैं. अब दक्षिणी दिल्ली नगर निगम टावर पार्किंग की शुरुआत करने वाली है. साउथ दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में बन रही ये पहली टॉवर पार्किंग पूरी तरह ऑटोमेटिक होगी.
दक्षिणी दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में स्टील के बड़े-बड़े स्ट्रक्चर पर खड़ी गगनचुंबी टावर किसी बहुमंजिला इमारत का ढांचा नहीं बल्कि यहां बन रही बहुमंजिला पार्किंग है. पार्किंग के लिए खास तरह के इस स्ट्रक्चर को टावर पार्किंग कहा जाता है. इसकी खास बात है कि ये पूरी तरह से स्टील से बनकर तैयार होगी.
2 टावर वाली इस पार्किंग के हर टावर में 16 लेवल होंगे. इसके एक टावर में 68 गाड़ियां पार्क की जा सकेंगी, यानी दोनों टावर में एक साथ 136 गाड़ियां खड़ी की जा सकेंगी. यहां एक गाड़ी को पार्क करने में महज़ 3 से 5 मिनट तक का वक्त लगेगा. सबसे खास बात है कि इस तरह की पार्किंग में बेहद कम जगह लगती है और ये बहुत जल्द बनकर तैयार भी हो जाती है. ग्रीन पार्क में बनने वाली ये पार्किंग सिर्फ 878 वर्गमीटर जगह में ही बनकर खड़ी हो जाएगी.
ग्रीन पार्क में टावर पार्किंग के अलावा साउथ एमसीडी लाजपत नगर में पूरी तरह ऑटोमेटिक पज़ल पार्किंग बनवा रही है. 6 लेवल वाली इस पार्किंग में 247 गाड़ियां एक साथ खड़ी की जा सकेंगी. ग्रीन पार्क और लाजपत नगर के अलावा अधचीनी और राजौरी गार्डन में नई पार्किंग बनाई जा रही है.
इस तरह की पार्किंग की खास बात है कि इनमें रैंप बनाने की जरूरत नहीं होती. गाड़ियां लिफ्ट के किसी भी मंजिल पर पार्क की जा सकती हैं और जरूरत पड़ने पर पूरा स्ट्रक्चर दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता है.
ग्रीन पार्क की टावर पार्किंग दिसंबर तक लोगों के लिए खोल दी जाएगी. जबकि लाजपत नगर की पज़ल पार्किंग को फरवरी में शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है. एमसीडी जल्द ही दिल्ली के दूसरे इलाकों में भी ऐसी ही पार्किंग शुरू करने की योजना बना रही है.