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नई दिल्ली : मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने लापरवाही से बस चलाने के कारण दुर्घटना में मारे गए 27 वर्षीय एक व्यक्ति के परिवार को 89 लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है।
एमएसीटी के पीठासीन अधिकारी रविंद्र बेदी ने दुर्घटना में शामिल बस की बीमाकर्ता द न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को 2013 में दुर्घटना में मारे गए सवल दास की पत्नी, अभिभावकों और दो बच्चों को 89,98,840 रुपए का मुआवजा देने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा, मैंने आपराधिक मामला रिकॉर्ड, दुर्घटना स्थल आदि सहित आईओ की रिपोर्ट पर गौर किया है। जगह और गाड़ियों के स्थान से भी पता चलता है कि दुर्घटनाग्रस्त बस ने ट्रैफिक सिग्नल का उल्लंघन किया और दायीं ओर से आ रही बाइक को टक्कर मार दी। सवल के परिवार की ओर से दायर याचिका के मुताबिक पांच फरवरी 2013 को वह सुबह में अपनी मोटरसाइकिल से अपने कार्यालय से लौट रहा था।
राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर मयूर विहार के ट्रैफिक सिग्नल पर जैसे ही वह पहुंचा एक बस ने टक्कर मार दी। टक्कर के बाद सवल बेहोश हो गया और उसे गंभीर चोटें आयी। एलबीएस अस्पताल के डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार के लोगों ने मुआवजे के तौर पर 80 लाख रुपए का दावा किया था। बस के ड्राइवर और मालिक ने दावा किया था कि पुलिस ने उन्हें फर्जी तरीके से फंसाया था।