दिल्ली का प्रदूषण मामूली रूप से घटा, सोमवार को वायु गुणवत्ता के ‘गंभीर’ श्रेणी में जाने की चेतावनी
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दिल्ली का प्रदूषण मामूली रूप से घटा, सोमवार को वायु गुणवत्ता के ‘गंभीर’ श्रेणी में जाने की चेतावनी

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 336 पर रहा जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है.

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली की वायु गुणवत्ता शनिवार को मामूली रूप से सुधरी लेकिन नियंत्रण उपायों और स्थिर मौसम संबंधी स्थितियों की वजह से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी रही. अधिकारियों ने सोमवार से वायु गुणवत्ता के ‘गंभीर’ स्तर पर पहुंचने की चेतावनी दी है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 336 पर रहा जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है.  सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक, वजीरपुर की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ थी जबकि अन्य 34 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ थी. पीएम 2.5 का स्तर 175 दर्ज किया गया. पीएम 2.5 का पीएम 10 की तुलना में सेहत पर ज्यादा गंभीर प्रभाव पड़ता है.

आंकड़ों के मुताबिक, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गांव, नोएडा और ग्रेटर नोएडा की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ स्तर की रही. केंद्र के सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के मुताबिक, दिल्ली में पीएम 10 का स्तर 302 था.

गौरतलब है कि सूचकांक शून्य से 50 तक होने पर हवा को ‘अच्छा’, 51 से 100 होने पर ’संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘सामान्य’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 तक ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है. भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) ने कहा कि आने वाले दिनों में बायोमास जलाने का असर बढ़ने का अंदेशा है.

आईआईटीएम ने कहा कि हवा की दिशा में बदलाव और बायोमास जलाने की वजह से पीएम 2.5 का स्तर बढ़ने का अंदेशा है. भारत के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में अगर पराली जलना अगले दो दिन में जारी रहा तो इसका प्रभाव दिल्ली में पड़ने की बहुत संभावना है और एक्यू गंभीर श्रेणी में जा सकता है.

इसने कहा कि तीन और चार नवंबर को वायु गुणवत्ता बहुत खराब रहने की संभावना है लेकिन पांच नवंबर को यह गंभीर हो सकती है. उत्तर-पश्चिम हवा की दिशा बायोमास जलाने के प्रभाव को छह और सात नवंबर (दिवाली वाले दिन) ला सकती हैं.

सफर ने भी कहा कि मौसम संबंधी स्थितियों के कारण पांच नवंबर से वायु की गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्थिति में जा सकती है. सफर के मुताबिक, शनिवार को दिल्ली में पीएम 2.5 प्रदूषण का 10 प्रतिशत पराली जलने के कारण हुआ था. दिल्ली के अधिकारियों ने प्रदूषण से निपटने के लिए प्रयास बढ़ा दिए हैं, जिनमें निर्माण गतिविधियों को रोकने और यातायात का नियमन शामिल है.

(इनपुट - भाषा)

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