मौसम की मारः कूलर लगाने को मजबूर होगी 'दिल्ली', दिखेगा डेंगू-चिकनगुनिया का प्रकोप
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मौसम की मारः कूलर लगाने को मजबूर होगी 'दिल्ली', दिखेगा डेंगू-चिकनगुनिया का प्रकोप

गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है. इस वर्ष डेंगू और चिकनगुनिया का प्रभाव पिछले वर्ष की तुलना में अधिक बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है.

दिल्ली में डेंगू और चिकनगुनिया का प्रभाव पिछले साल की तुलना में बढ़ने वाली है. (प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्लीः गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है और इस साल भीषण गर्मी पड़ने की संभावना जतायी जा रही है. ऐसे में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गर्मी 'कहर' बरपाने वाली है. वहीं गर्मी आने से पहले ही मच्छर जनित रोग जैसे डेंगू और चिकनगुनिया का प्रभाव पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष और अधिक बढ़ने की आशंका जतायी जा रही है. गर्मी से बचने के लिए लोग कूलर का इस्तेमाल सबसे अधिक करते हैं, जो डेंगू-चिकनगुनिया को आमंत्रित करते हैं. इस बारे में विशेषज्ञों ने भी चेतावनी दी है कि इस वर्ष के आंकड़े पिछले साल के आकड़े को भी पार कर सकती है.

  1. डेंगू और चिकनगुनिया का प्रभाव पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक होगा
  2. 3 मार्च तक दिल्ली के अस्पतालों में डेंगू के 15 मामले दर्ज किए गए है
  3. दुनियाभर में डेंगू के मामलों की संख्या में 30 गुना बढ़ोतरी हुई है

3 मार्च तक दिल्ली के अस्पतालों में डेंगू के 15 मामले दर्ज
एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबरों के अनुसार, दक्षिण दिल्ली नगर निगम निगम की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 3 मार्च तक दिल्ली के अस्पतालों में डेंगू के 15 मामले दर्ज किए गए है, जो पिछले साल की तुलना में 5 अधिक हैं. मच्छर जनित रोगों से प्रभावित पिछले साल 9,271 लोग प्रभावित हुए थे, जिनमें 10 लोगों की मौत हो गई थी.

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इस वर्ष मच्छर जनित रोगों के होने की ज्यादा संभावना
दिल्ली के नगरपालिका स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बीके हजारिका ने कहा है कि इस वर्ष मच्छर जनित रोगों के होने की ज्यादा संभावना है, क्योंकि यहां गर्म-सर्द मौसम है और वायरस को समाप्त करने के लिए तापमान 10 से 15 दिनों के लिए 16 डिग्री से कम होना जरूरी है. सामान्य दिनों की तुलना में 1 से 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान पहले ही बढ़ा है जो मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल हैं. वर्ष 2016 में दिल्ली में चिकनगुनिया का भीषण प्रकोप देखा गया था, जिसमें करीब 12,300 लोग संक्रमित हुए थे. इसके परिणामस्वरूप 2017 में स्थिति को नियंत्रित किया गया और 2016 की तुलना में 1000 से कम लोग इसके चपेट में आए थे. हालांकि यह आकंड़ा कम नहीं है. इस साल फरवरी में मलेरिया और चिकनगुनिया के दो मामले सामने आये थे.

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डेंगू मच्छर फैलाते हैं विषाणुजनित वायरल बुखार
गर्मियों के मौसम में लोग कूलर का इस्तेमाल अधिक करते हैं. साथ ही ठंढे पानी के लिए मिट्टी के बर्तनों में पानी रखते हैं, जो डेंगू वाले मच्छरों को पैदा करते हैं. डेंगू जो मादा एडीज एजिप्टाई मच्छरों के काटने से फैलता है, यह एक विषाणुजनित वायरल बुखार है. डेंगू विषाणु सबसे ज्यादा विश्वव्यापी आर्थोपोड-जनित विषाणु है, डेंगू बुखार से पीड़ित व्यक्ति को मादा एडीज एजिप्टाई मच्छर के काटने पर वह मच्छर भी डेंगू विषाणु (वायरस) से संक्रमित हो जाता है और फिर उसके किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को काटने पर वह व्यक्ति भी डेंगू बुखार का शिकार हो जाता है. इस प्रकार मच्छरों की आबादी बढ़ने से डेंगू की महामारी के बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है जो काफी घातक है.

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दुनियाभर में डेंगू के मामलों की संख्या में 30 गुना बढ़ोतरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि बढ़ते शहरीकरण के साथ, पिछले पांच दशकों में दुनियाभर में डेंगू के मामलों की संख्या में 30 गुना बढ़ोतरी हुई है, जिसमें से 50 से 100 मिलियन संक्रमण और 20,000 मौतें 100 से अधिक देशों में हर वर्ष हुई है.

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