DTC शुरू करेगी अंतरराज्यीय बस सेवा, दिल्ली-आगरा समेत कई रूट पर दौड़ेंगी CNG बसें
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DTC शुरू करेगी अंतरराज्यीय बस सेवा, दिल्ली-आगरा समेत कई रूट पर दौड़ेंगी CNG बसें

फरवरी से दिल्ली से आगरा, जयपुर, हरिद्वार और चंडीगढ़ के लिए डीटीसी की सीएनजी बसें चलाई जाएंगी. 

सीएनजी से चलने वाली ये बसें फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर चलाई जाएंगी...(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) अंतरराज्यीय बस सेवा शुरू करने की योजना बना रहा है. सीएनजी से चलने वाली ये बसें फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर चलाई जाएंगी. इस पहल का मकसद राष्ट्रीय राजधानी के आसपास हरित गलियारा बनाना है. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह जानकारी दी.

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा, "हमें टाइप 4 सिलेंडर के लिए सुरक्षा मंजूरी मिल गई है. यह पालीमर या फाइबर आधारित होगा. यह हल्का है और हमने इसका बसों में परीक्षण किया है. हमने इन बसों को दिल्ली से आगरा, जयपुर, हरिद्वार और चंडीगढ़ के लिए फरवरी से चलाने का निर्णय किया है. हम इसे हरित गलियारा कहेंगे क्योंकि इसमें स्वच्छ ईंधन का उपयोग किया जाएगा." मंत्री ने इंद्रप्रस्थ गैस लि. (आईजीएल) के ग्राहकों के लिए विभिन्न डिजिटल पहल की शुरुआत से जुड़े एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से अलग से बातचीत में यह जानकारी दी.

पायलट प्रोजेक्ट के बारे में और जानकारी देते हुए प्रधान ने कहा, ‘‘यह सेवा परीक्षण आधार पर शुरू की जा रही है. यह परियोजना अंतत: वाणिज्यिक रूप से व्यावहारिक साबित होगी. उसके बाद अन्य बसें दूसरे मार्गों पर चलायी जाएंगी.’’ 

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सिलेंडर का आयात जर्मनी से किया जा रहा है और ये हल्के हैं. इससे बसें एक बार ईंधन लेकर 700 किलोमीटर तक जा सकती है. मौजूदा सीएनजी बसों में स्टील के पांच सिलेंडर लगते हैं. इसमें 100 किलो ईंधन क्षमता होती है. नई बसों में सात फाइबर सिलेंडर होंगे जिसमें 300 किलो सीएनजी रखी जा सकती है. मौजूदा बसों की कीमत 32 लाख रुपये है जबकि फाइबर सिलेंडर युक्त बसों की कीमत 39 लाख रुपये है क्योंकि प्रत्येक सिलेंडर की कीमत एक लाख रुपये है.

उन्होंने यह भी कहा कि पायलट परियोजना अगर सफल होती है तब सिलेंडर का विनिर्माण यहां किया जाएगा. इससे लागत कम होगी. अधिकारी ने कहा कि डीटीसी ये बसे अशोक लेलैंड से खरीद सकता है और फाइबर सिलेंडर बसों के नीचे की जगह ऊपर लगेंगे. आईजीएल ने अन्य राज्य परिवहन निगम तथा निजी परिचालकों के लिए उदाहरण पेश करने के इरादे से लंबी दूरी पर आठ बसें अगले साल चलाने की योजना बनायी है.
प्रधान ने यह भी कहा कि सिटी गैस वितरण नेटवर्क में 70,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है.

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