फर्जी डिग्री मामला: तोमर की पुलिस हिरासत दो दिन बढ़ाई गई
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फर्जी डिग्री मामला: तोमर की पुलिस हिरासत दो दिन बढ़ाई गई

दिल्ली की एक अदालत ने कथित फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की पुलिस हिरासत शुक्रवार को दो दिन के लिए बढ़ा दी। तोमर ने जमानत की नयी अर्जी भी दाखिल की जिस पर अदालत ने पुलिस से जवाब मांगा और मामले पर सोमवार को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने कथित फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की पुलिस हिरासत शुक्रवार को दो दिन के लिए बढ़ा दी। तोमर ने जमानत की नयी अर्जी भी दाखिल की जिस पर अदालत ने पुलिस से जवाब मांगा और मामले पर सोमवार को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

दिल्ली पुलिस ने अदालत में दलील दी थी कि तोमर की हिरासत जरूरी है क्योंकि तोमर को कथित तौर पर बीएससी की डिग्री मुहैया कराने वाले मदन प्रताप चौहान नामक व्यक्ति से पहले ही पूछताछ की जा रही है और दोनों का एक दूसरे से सामना कराना जरूरी है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट नवजीत बुद्धिराजा ने दिल्ली पुलिस को 49 वर्षीय तोमर से 21 जून तक पूछताछ की इजाजत दे दी, जिसके बाद उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा। तोमर को नौ जून को गिरफ्तार किया गया था।

आरोपी तोमर की चार दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने पर उन्हें अदालत में पेश किया गया था। दलीलों के दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने अदालत से कहा कि जिस कॉलेज से तोमर ने कथित तौर पर कानून की पढ़ाई की थी, वहां से अधिकारी जय नारायण यादव, नवल किशोर सिंह और तीन अन्य अधिकारी दिल्ली आये हैं और आप विधायक का उनसे सामना कराना जरूरी है। तोमर की हिरासत की मांग करते हुए अभियोजक ने अदालत से यह भी कहा कि उन्हें 250 सवालों की प्रश्नावली दी गयी है जिनमें से कुछ के जवाब दिये गये हैं और कुछ अनुत्तरित हैं। तब अदालत ने तोमर से इस बात की पुष्टि की कि क्या उन्हें कोई प्रश्नावली दी गयी है तो उन्होंने इसकी स्वीकरोक्ति की लेकिन दावा किया कि उन्होंने सभी प्रश्नों के उत्तर दे दिए हैं।

हालांकि तोमर की ओर से वकील राजीव खोसला ने हिरासत के लिए पुलिस की अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि वे उनके मुवक्किल का उत्पीड़न कर रहे हैं। त्रिनगर से विधायक तोमर को नौ जून की सुबह गिरफ्तार किया था। दिल्ली बार काउंसिल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने बिहार के कॉलेज से कानून की फर्जी डिग्री हासिल की थी। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि जब दस्तावेजों का सत्यापन कर लिया गया है तो अब उन्हें रिमांड की जरूरत क्यों है। खोसला ने जब यह कहा कि तोमर के भाई, जो अब इस दुनिया में नहीं हैं, ने डिग्री का बंदोबस्त करने के लिए चौहान से मुलाकात की थी तो अदालत ने विधायक से पूछा कि क्या वह स्वीकार करते हैं कि उनके पास बीएससी की जाली डिग्री है।

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